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सेवा समाप्ति की नोटिस दिए जाने पर नाराज संविदा कर्मचारियों ने दिया धरना

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दीनदयाल अस्पताल और मंडलीय अस्पताल में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों ने 5 मार्च को धरना दिया। सरकार की ओर से जिस कम्पनी को जिम्मेदारी दी गई है, उसने 31 मार्च को सेवा समाप्ति का नोटिस संबंधित कर्मचारियों को जारी कर दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी का सरकार से कांट्रेक्ट भी 31 मार्च को खत्म हो जायेगा।

जिला वाराणसी में आज संविदा में जो नर्स सरकारी हास्पिटल में रखे गये थे। वो लोग आज धरना प्रदर्शन में हैं। लोगों का आरोप है, कि कोई तीन साल से कोई दस साल से नौकरी कर रहे हैं और आज हमें हटाया जा रहा है।

इसके लिए एक महीने पहले ही नोटिस मिली, लेकिन सरकार यूपी गवर्मेन्ट हमारे खिलाफ कार्यवाही कर रही है और कह रही है, कि आप लोगों का यहाँ से काम खत्म हो गया है, अब आप जा सकते हैं। हम जब बेरोजगार हो जायेंगें। हमें कोई रोजगार नहीं मिलेगा तो हमारा परिवार कैसे चलेगा?

फिजियोथेरेपिस्ट अजय तिवारी का कहना है कि ये संविदा पर डी एन एम की तरफ से था, लेकिन हमें एक महीने पहले लेटर आया था, कि हमारी 30 मार्च से सेवा समाप्त हो रही है। डी एन एम स्टाप लगभग हमारे यूपी में 57 जिलों में है। टोटल कर्मचारी लगभग दस हजार हैं।

अब बताइए कि जब सारे दस हजार कर्मचारी 30 मार्च से निकल जाएंगें तो, इन हास्पिटलों में काम कौन करेगा? इससे पेशेंट पर क्या प्रभाव पड़ेगा? अब हम भुखमरी के कगार पर आ जायेंगें। प्रति परिवार में अगर चार लोग भी हैं, तो 40 हजार लोग जा रहे हैं। बताइए उनका परिवार कैसे चलेगा? उनके बूढ़े माता-पिता हैं, उनकी दवाइयां कैसे चलेंगीं? उनका खर्च कैसे चलेगा? सरकार हमें ये बताने का कष्ट करें, कि हम क्या करें?

या तो हमें इच्छाव्रीतु दे दिया जाए, ताकि हम सब लोग रोड़ पर आकर मर जाएं। नहीं तो हमें हमारे जीवन यापन के लिए कार्यवाही की जाए। इसलिए मैं यूपी सरकार से चाहूँगा, कि हम लोगों के लिए कुछ ऐसा करे, ताकि हम सरकार की सेवाएँ कर सकें। अभी इसमें बहुत से लोग हैं, जो ओवरएज के हो चुके हैं। अब कहीं फार्म भी नहीं भर सकते हैं और कहीं जा नहीं सकते। क्या करें?

संविदा कर्मचारी गीता मौर्या ने बताया कि 2015 से सरकार ने हमारी डी.एन.एम कम्पनी के द्वारा हास्पिटल में नौकरी दी थी। या तो सरकार हमें एन एस टी एम में समायोजन कर दे। या फिर हमें लिखित आश्वासन दें, कि हमें फिर से कोई काम मिलेगा।

प्रशासनिक अधिकारी, वाराणसी अजय पाण्डेय जी का कहना है कि उनके विभाग के लोग जो कम्पनी रखी है, उस कंपनी से उनको निकाल रहे हैं, लेकिन उससे हमको कोई लेना देना नहीं हैं। कर्मचारियों को लेकर जो हमारी जिम्मेदारी होगी उसका काम किया जाएगा।

उनके आदेश मिलता है, तो उसमें पत्र लगाकर देंगें तब पता चलेगा कि किस एजेंसी का रखा गया है। कार्यवाही जो करेगा हाई अथारटी करेगा। हम कुछ नहीं कर सकते। हमें जो उचित होगा उनके हित में जो स्थिति होगी उसको ऊपर भेज सकते हैं।