उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जहां बिजली की नंगी तारों की वजह से कई किसानों की फसलें जल गयी हैं। साथ ही करंट लगने से कई किसानों की मौत भी हो चुकी है।
मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में शॉर्ट सर्किट होने से किसानों की फसल बर्बाद होने की खबर सामने आई है। घटना 1 अप्रैल की दोपहर के लगभग 12 बजे की है।
खेती के अलावा कुछ नहीं है – किसान
किसान कृपाराम तिवारी ने बताया कि उनकी 1 एकड़ की फसल जलकर राख हो गयी। वह कहते हैं कि उनके साथ-साथ कम से कम 5 से 6 किसानों की फसलें आग में जली है। जिसमें राजेश यादव, सियाराम तिवारी, कमलेश यादव, बाबूलाल अहिरवार आदि लोगों का सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है। इन लोगों की 5 से 6 एकड़ फ़सलें जल गई हैं।
बाबूलाल अहिरवार कहते हैं कि उनकी 2 एकड़ की फसल जल गयी है। किसानी से उनका भरन-पोषण होता था। चार महीने किसानी में ही लगे रहते थे। चार महीनों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया। वह कहते हैं कि अब वह क्या खाएंगे, क्या करेंगे। उनके पास तो सिर्फ खेती ही थी। इसलिए उनकी सरकार से मांग है कि उन्हें मुआवजा दिया जाए।
तहसीलदार ने कहा- मिलेगी आर्थिक सहायता
जब इस मामले में खबर लहरिया ने टीकमगढ़ के तहसीलदार आरपी चौधरी से बात की तो उनके अनुसार उन्हें घटना की जानकारी दोपहर के 1 बजे मिली थी। सूचना मिलते ही वह घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि घटना बिजली न होने के कारण हुई है। लेकिन उनके द्वारा बताई गयी वजह यहां स्पष्ट नहीं लगती।
वह आगे कहते हैं कि जिन 10 किसानों की फसलें जली हैं। उन सभी को आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी। इसके लिए पटवारी को पंचनामा बनाने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। जो भी शासन की तरफ से निर्देश आएंगे। उसी हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। (इस खबर पर की हुई रिपोर्टिंग को देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर जाए। )
महोबा : करंट लगने से हुई मौत, जली फसल
करंट से फसल का जल जाना और इसके साथ-साथ एक किसान की मौत की खबर महोबा जिले से भी सामने आयी है। यह बिजली के करंट से जुड़ी दूसरी खबर है।
महोबा जिले के ब्लॉक जैतपुर गांव सीगोव तहसील कुलपहाड़ थाना अजनर में 31 मार्च के दिन एक किसान की करंट लगने से मौत का मामला सामने आया है। किसान अपने खेत में काम कर रहा था। तभी बिजली के खंभे से तकरीबन 11 बजे करंट लगने से उसकी मृत्यु हो गयी। किसान का नाम नरेंद्र बताया गया। जिसकी उम्र लगभग 32 साल थी।
इस तरह से हुई मौत
मिली जानकारी के अनुसार, जब हादसा हुआ तो किसान खेत में अकेले काम कर रहा था। उस समय उसके आस-पास कोई नहीं था। खेत के पास में एक बिजली का खंभा भी है। अचानक से बिजली की तार किसान के खेत में जा गिरी। जिसमें करंट आ रहा था और करंट की वजह से खेत में आग लग गयी। जब किसान आग बुझाने की कोशिश करने लगा तो वह भी करंट की चपेट में आ गया। जिससे की उसकी मौत हो गयी।
खंभे में आ रहे करंट को लेकर खबर लहरिया द्वारा गांव के लोगों से भी बात की गयी। लोगों द्वारा कहा गया कि ऐसा हादसा तो पहले कभी नहीं हुआ और न ही उन्हें खंभे में आ रहे करंट के बारे में कुछ पता है।
मृत शरीर देखकर नहीं रहा सुध – किसान की पत्नी
किसान के पास 12 बीघा ज़मीन थी। जिसमें से दो बीघा ज़मीन पर आग लग गयी और उसकी सारी फसल बर्बाद हो गयी। मृत किसान की एक 13 साल की बेटी और 10 साल का बेटा भी है।
मृतक किसान की पत्नी अखलेश का कहना है कि उन्हें लोगों के द्वारा पता चल की उनके खेत में आग लगी है। जब वह वहां पहुंची तो उन्हें दिखा कि नरेंद्र यानी उसका पति बिजली के सुप्पोर्टर तारों के बीच मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। जिसे देखकर उसे किसी बात की सुध नहीं रही।
वह बताती हैं कि खेत की बुआई, जोताई और सिंचाई में उनकी 10 हज़ार रुपयों की लागत आयी थी। जो दो बीघा की ज़मीन जली, उस पर 20 क्यूंट्ल की पैदावार होती। लेकिन सब जल गया। जिससे की उन्हें लगभग 40 से 45 हज़ार रुपयों तक का नुकसान हुआ है।
किसान की पत्नी का आरोप है कि विद्युत विभाग की लापरवाही से ही खंभे में करंट आ रहा था। जिसकी वजह से उसके पति की मौत हुई। इसके बाद उसने अपने पति की मौत की जानकरी अजनर पुलिस को दी। साथ ही उसने अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए सहायता राशि की भी मांग की।
शिकायत के बाद होगी जाँच – पुलिस अध्यक्ष
अजनर थाने के अध्यक्ष श्यामा प्रताप पटेल के अनुसार, उन्होंने मामले का पंचनामा भरकर भिजवा दिया है। लेकिन उनके पास किसी भी तरह की शिकायत नहीं आयी है। अगर लोग शिकायत करेंगे तो जाँच करवाई जायेगी।
नहीं मिली मामले की जानकारी – कुलपहाड़ एसडीओ
कुलपहाड़ के उप विद्युत विभाग के एसडीओ विकास श्रीवास्तव के अनुसार उन्हें मामले की कोई जानकारी नहीं मिली है। जैसे ही उन्हें जानकारी मिलेगी। वह जाँच करवाएंगे। जो भी उचित मुआवज़ा होगा, वह भी दिया जायेगा। लेकिन उनके पास कोई शिकायत ही नहीं आयी है।
प्रधान ने कहा, बिजली के तार को लेकर की थी शिकायत
गांव के प्रधान गजेश का कहना है कि उनके गांव में 29 मार्च से लगातार तीन जगह बिजली की चिंगारियों से आग लग चुकी है। इसकी सूचना बिजली विभाग को भी दी गयी थी। फिर भी उन्होंने लटकती तारों को सही नहीं करवाया।
खेतों के ऊपर से 11000 वोल्टेज की लाइन खींची हुई है। वह इतनी जर्जर है कि कहीं से भी चिंगारी उठ जाती है।
करंट लगने से फसलों के जलने को लेकर महोबा जिले से ही दूसरी खबर सामने आयी है। खबर लहरिया की 1 अप्रैल 2021 की रिपोर्ट के अनुसार महोबा ब्लाक जैतपुर गांव अजनर में 30 मार्च को बिजली के तार में चिंगारी लगने से आग पकड़ गयी। जिसमें एक किसान की 40 बीघा गेहूं की फसल जलकर पूरी तरह से ख़ाक हो गयी। इमसें किसान की परेशानी परिवार का भरन-पोषण और घर चलाना है।
सब जल गया, अब बेटी की शादी कैसे करूँ
किसान राजेंद्र का कहना है कि उनकी बेटी की शादी है। जो भी खेती थी वो तो जलकर राख हो गयी। ऐसे में वह अपनी बेटी की शादी कैसे करवाएं। कई बार उन्होंने विभाग के अधिकारी को लटकती तारों को लेकर शिकायत भी की क्यूंकि उससे हर साल चिंगारी निकलती थी। लेकिन कुछ नहीं हुआ। हर साल इसकी वजह से आग लग जाती है। वह बताते हैं कि उनकी 40 बीघा ज़मीन में तकरीबन दो लाख की लागत आयी थी।
अजनर थाने के अध्यक्ष श्याम प्रताप पटेल का कहना है कि वह मौके पर जाँच के लिए पहुंचे थे। मामले को लेकर कुलपहाड़ के विद्युत विभाग के एसडीएम विकास श्रीवास्तव को रिपोर्ट दी गयी है।
विद्युत विभाग की तरफ से आग लगी है – कुलपहाड़ एसडीएम
कुलपहाड़ के एसडीएम आवेश का कहना है कि राजस्व विभाग ने ही मौके पर रिपोर्ट बनाई है। उस रिपोर्ट को विद्युत विभाग कुलपहाड़ को दे दिया गया है क्योंकि विद्युत विभाग की ही तरफ से आग लगी है।
चित्रकूट का मामला
ऐसा ही एक मामला चित्रकूट जिले में भी देखने को मिला। जिसमें जिला चित्रकूट के ब्लाक रामनगर गांव रामनगर में एक किसान की फसल में अचानक से आग लगने से उसकी दो बीघा गेहूं की फसल जलकर पूरी तरह बर्बाद हो गयी। मिली जानकारी के अनुसार, बिजली के ट्रांसफार्मर से खेत में आग लगी थी। बहुत मेहनत और पैसे लगाकर फसल तैयार की गयी थी। खेत में तकरीबन पांच हज़ार रुपयों तक खर्च आया था। लोगों द्वारा आग बुझाने के लिए अग्निशामक को भी बुलाया गया। किसान के सामने इस समय सबसे बड़ा सवाल मुआवज़े का है कि वह उसे मिलेगा भी या नहीं। अगर मिलेगा भी तो कितना मिलेगा। सब कुछ उनका खेती पर ही निर्भर था। सब नष्ट हो जाने पर जीविका का सवाल भी सामने आकर खड़ा हो जाता है।
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महोबा, चित्रकूट और टीकमगढ़ तीनो ही जिलों में घटना की वजह बिजली की तारें थी। जिससे किसी की महीनों की फसलें बर्बाद हो गयी तो कहीं किसी किसान ने अपनी जान गवां दी। लगातार बिजली के तारों से हो रही घटनाएं बिजली विभाग के कार्य पर सवाल उठाती हैं। हालांकि, उनकी तरफ से कहीं भी यह एक बार भी नहीं कहा गया कि बिजली के तारों को देखा जाएगा या उसे सही किया जाएगा।