स्वर कोकिला लता मंगेशकर पिछले 4 दिनों ( 11 नवम्बर ) से अस्पताल में भर्ती हैं. वायरल और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए फैंस और शुभचिंतक लगातार दुआ कर रहे हैं. लेकिन अब उनकी तबियत बेहतर है. इस बात की जानकारी उनके परिवार की ओर से ट्वीट करके जानकारी दी गई कि ‘लता दीदी की हालत स्थिर है..और वे अपनी तकलीफ से उबर रहीं हैं। आपकी चिंता, देखभाल और प्रार्थना के लिए हम प्रत्येक को धन्यवाद देते हैं। ‘आपको बता दें कि उनकी बिमारी की खबर के बाद 14 नवम्बर की रात सोशल मिडिया पर काफी अफवाह भी उडी थी के अब सुर साम्राज्ञी लता जी इस दुनिया में नहीं रही.
वैसे तो लता मंगेशकर को कई नामो (स्वर-साम्राज्ञी” ; “राष्ट्र की आवाज” ; “सहराब्दी की आवाज” ; “भारत कोकिला”) से नवाज़ा गया है लेकिन उन्हें लोग प्यार से लता दीदी भी कहते हैं और ये नाम मेरे दिल के भी करीब है. वैसे आपको पता होगा कि लता दीदी का 28 सितम्बर 1929 को जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के मराठी ब्राह्मण परिवार में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के घर हुआ. दीदी का परिवार मध्यमवर्गीय था इनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर रंगमंच कलाकार और गायक थे. इनके परिवार से भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनों उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने संगीत को ही अपनी आजीविका के लिये चुना।
दीदी का जन्म तो इंदौर में हुआ लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र में हुई वो बचपन से ही गायक बनाना चाहती थी, लेकिन उनके पिता नहीं चाहते थे कि वो फिल्मो में गाना गाए. लेकिन पिता के मौत के बाद दीदी को काफी संघर्ष झेलना पड़ा.भाई बहिनों में बड़ी होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी का बोझ भी उनके कंधों पर आया गया था. दूसरी ओर उन्हें अपने करियर की तलाश भी थी फिर उन्होंने कई हिन्दी और मराठी फिल्मो में अभिनय भी किया। अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फ़िल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई।उस वक्त लता दीदी की उम्र सिर्फ 13 साल थी. फिर उन्होंने अपने किरदार के लिए गाना शुरू किया। लेकिन दूसरी अभिनेत्रियों के लिए उन्होंने 1947 बानी फिल्म आपकी सेवा से गाना शुरू किया. लेकिन उन्हें पहचान मिली 1949 बानी फिल्म “महल” के “आयेगा आनेवाला” गीत से मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फ़िल्माया गया था। 90 वर्षीय लता जी ने लगभग 30 हज़ार गानों में अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा है.