खबर लहरिया ताजा खबरें बुंदेलखंड में शुरू हुआ मेलों का मौसम देखिए द कविता शो, एपिसोड 103

बुंदेलखंड में शुरू हुआ मेलों का मौसम देखिए द कविता शो, एपिसोड 103

मेलों का मौसम  शुरू हुआ बुंदेलखंड में ,  हर जगह मेले लगेगें  मंदिरों में किलो में नदियों के किनारे मेला एक ऐसी चीज है जहां पर हम खूब इंजॉय करते हैं. इस मेलों का मौसम आप दोस्तों के साथ घूमना खरीददारी करना खाना पीना झूला झूलना कितना रंगीन होता है न ये मेला मुझे भी मेरा घुमना बहुत पसंद है|
इस समय कार्तिक माह में कालींजर और चरखारी का मेला चल रहा है ये दोनों ऐतिहासिक मेला है कालीजर किला तो जग में जाहिर है और इसकी कहावत भी है कि किला कालीजर का जाहिर हाय सैयरा जाहिर महोबे का तो इस बार कालीजर मेला के लिए बांदा के डीएम बड़ी तैयारी में थे खूब प्रचार प्रचार हो गया था और 7 करोड़ 88लाख रूपये का बजट भी आ गया था.
 मेलों का मौसम में ही एक  मेले को और भी ऐतिहासिक बनाने के लिए इस बार खेलकूद का आयोजन होना था स्कूली बच्चों का डिजिट था और एक गुब्बाडा मंगाया जाना था जिसपर बैठ कर आप उड़ सकते थे लेकिन  अयोध्या मामले का फैसला आने की वजह से सरकारी मेला रद्द कर दिया बताया गया कि पुलिस की इतनी सुरक्षा ब्यवस्था नहीं हो पायेगी खैर मेला हमेशा की तरह लगता गया और लोग मेला देखने गये हम भी पहुंचे मेला का कबरेज करने के लिए इस मेला को देखने के लिए पूरे बुंदेलखंड की जनता आती है लेकिन मेला में बहुत  ही अव्यवस्था थी इस वजह से लोगों को बहुत मुसीबतों का सामना करना  पड़ रहा है
कालिंजर किला को पर्यटक स्थल जरूर बना दिया गया है लेकिन कोई विकास नहीं हुआ। मेला चलने के समय के लिए भी पीने के पानी, सड़क, बजबजाती नाली, रोड में बहता पानी, शौचालय, बस स्टॉप और साफ सफाई आदि की व्यवस्था कमजोर दिखीं। किले के नीचे से ऊपर जाने के लिए चढ़ाई वाले लगभग साढ़े तीन किलोमीटर रास्ते पर पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी।
लोग प्यास के मारे व्याकुल हो रहे थे। कुछ स्कूली बच्चे टूर में घूमने आए थे किले के ऊपर भी पानी की टंकियां सूखी पड़ी थीं। लगभग तीन किलोमीटर एरिया में फैले किले के ऊपर भी पानी लोग ढूढ़ते रहे। मेला कमिटी भी परेशान रही इस बात को लेकर कि कोई व्यवस्था नहीं की गई।
किले के रख रखाव के लिए लाखों लाखों रूपये में बजट आता तो आखिर खर्च कहां होता है  क्या इसका हिसाब जनता को मिल सकता है