186 करोड़ की लागत से शिवलिंग की आकृतिनुमा बना यह रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर वाराणसी के सिगरा में बना है। यह दो मंजिला केंद्र सिगरा क्षेत्र में 2.87 हेक्टेयर जमीन पर बनाया गया है और इसमें 1,200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है, लेकिन इस रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर से वाराणसी के युवा खुश नहीं हैं।
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यहां के युवाओं का कहना है कि रुद्राक्ष जब लगा था तो बहुत बाते होती थी कि रोजगार मिलेगा लेकिन इसमें बाहर ही लोग को रखा गया है। देश से बाहर या फिर दिल्ली के लोग हैं। यहां बनारस के लोगों को नहीं रखा गया है। कुछ स्टूडेंट का कहना है कि अगर इसके बजाय हॉस्पिटल या कुछ और बन जाता तो बनारस के जो युवा है उनको लाभ मिल पाता लेकिन पता नहीं क्या सोच कर इसको बनाया गया और उसमें बहुत सारे पैसे भी लगे हुए हैं। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को बाहर से तो देख सकते हैं पर उस में एंट्री भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि इतना यह महंगा इसका चार्ज है। 1 घंटे का एक लाख रुपया चार्ज लगता है। क्या फायदा ऐसे रुद्राक्ष बनाने का इससे अच्छा कुछ और बनाए होते स्कूल हॉस्पिटल से छात्रों को लाभ मिलता है। बनारस के युवाओं को रोजगार मिलता लेकिन इस पर सरकार का कोई ध्यान ही नहीं जाता है।
शिवलिंग की आकृतिनुमा बना यह कन्वेंशन सेंटर वाराणसी के सिगरा में बना है और इसका नाम वाराणसी शहर के मिजाज के अनुरूप ही है। बता दें कि इस कन्वेंशन सेंटर में स्टील के 108 रुद्राक्ष के दाने भी लगाए गए। सनातन परंपराओं के मुताबिक रुद्राक्ष की माला में 108 दाने होते हैं ऐसे में जितना शानदार यह कन्वेंशन सेंटर है उतनी ही इसकी खूबियां भी हैं। इस कन्वेंशन सेंटर में 120 गाड़ियों की बेसमेंट पार्किंग है। ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल को लेकर हॉल होगा जिसमें वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियां हैं और लगभग 1200 लोग एक साथ इस हॉल में बैठ सकते हैं। बता दें कि दिव्यांगो के लिए भी दोनों दरवाजों के पास 6-6 व्हील चेयर्स का इंतजाम किया गया है।
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