अकसर चुनाव को लेकर जातिगत दुश्मनी के कई मामलों के बारे में आपने सुना होगा। चुनावी रंजिश सालों साल चलती है और चुनाव में एक दूसरे का सपोर्ट करने वाले लोग चुनाव में खड़े हुए प्रतिनिधि एक दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं। चुनाव को लेकर रंजिश तो हर चुनाव में होती हैं लेकिन ज्यादातर जो दुश्मनी सालों साल चलती है वह प्रधानी के चुनाव को लेकर होती है प्रधानी की चुनाव जातिगत दुश्मनी पैदा करता है।
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ऐसा ही एक मामला हरदोई जिले के हरपालपुर कोतवाली अंतर्गत चतरखा गांव में सामने आया है। 18 अगस्त को दो गुटों में जमकर पत्थरबाजी और मारपीट हुई, जिसके बाद कि आज भी वहां प्रशासन की तरफ से पुलिस पी एस सी सूरक्षा तैनात की गई है।
बता दें कि पंडित समुदाय के लोगों का आरोप है एक ब्राह्मण समुदाय का व्यक्ति बाहर शौच के लिए गया था तभी ठाकुर समुदाय के लोगों ने उसे खेत में घेर लिया, किसी तरह से पंडित लोगों ने उस व्यक्ति को बचाया और घर लेकर आए। फिर ठाकुरों ने छत के ऊपर चढ़ कर के घर में पथराव करना शुरू कर दिया जिससे कई लोगों को काफी गंभीर चोटे आईं। महिलाओं को भी काफी चोटें लगी जिसमें महिलाओं को टांके भी लगवाने पड़े। फिर पंडित समुदाय के लोगों ने अपने घर की दीवारों पर दरवाजों पर यह लिखकर लगा दिया कि वह अब इस गांव से पलायन करेंगे ठाकुरों के कहर से वह इस गांव में नहीं रह सकते।
दीवार पर लिखे इन शब्दों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं। पुलिस 18 तारीख को ही इस गांव में पहुंच गई लेकिन पुलिस की मौजूदगी में भी ठाकुर समुदाय के लोगों ने दोबारा पथराव करना शुरू किया मजबूरन पुलिस को फिर पी एस सी लगाना पड़ा।
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लोगों ने बताया कि यह ठाकुर बहुल्य क्षेत्र है यहां पंडित के कुल 11 या 12 घर हैं, ठाकुरों के 50 से भी ज्यादा घर हैं। इस वजह से ठाकुरों की चलती है और चुनाव में भी ज्यादातर ठाकुर ही जीतते हैं। लगातार प्रधानी ठाकुरों की चलती आ रही है अगर सीट किसी और की भी आई तो प्रधानी वही करते हैं पिछले पंचवर्षीय ब्राह्मण समाज से महिला प्रधान बनी थी और इस पंचवर्षीय भी जब चुनाव हुए तो कुछ वोटों से पूर्व प्रधान के बेटे चुनाव हार गए और फिर प्रधानी ठाकुरों के पास आ गई इस रंजिश को लेकर की ब्राह्मण समाज को ठाकुरों द्वारा प्रताड़ित किया जाता है, बाहर आते जाते कमेंट किया जाता है।
हरपालपुर कोतवाली प्रभारी उमाकांत दीपक ने बताया कि यह पर्चसव की लड़ाई है। एक दूसरे को कोई कम नहीं समझ रहा है, सब अपने-अपने में मस्त हैं दोनों श्रवण जाती से हैं और वहां ठाकुरों की संख्या ज्यादा है ब्राह्मण समुदाय कम हैं। अभी पुलिस वहां लगी है और लोगों समझाने की कोशिश की जा रही है। मामला अभी कुछ शांत नजर आ रहा है उमाकांत दीपक कोतवाली प्रभारी ने बताया की मामले की जांच चल रही है 14 अगस्त को 22 लोगों की नामजद रिपोर्ट लिख गई है जिसमें 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
हरदोई अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह का कहना है कि चतरखा गांव में हुआ मामला अब पूरी तरह से शांत हो चुका है।
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