17 सितंबर को भरुवा सुमेरपुर थाना अंतर्गत आने वाले एक गांव में एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया लेकिन पुलिस ने इस मामले पर छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर दिया। अभी तक इस मामले को लेकर किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। बताया जा रहा है कि आरोपियों को पुलिस ने 10 दिन के लिए अंदर बंद करके चालान किया और छोड़ भी दिया जिससे उनके हौसले और भी बुलंद हो गए हैं। अब ये आरोपी खुलेतौर पर पीड़ित परिवार को बराबर धमकियां दे रहे हैं।
खबर लहरिया की कवरेज के दौरान जासूसी में पीड़ित परिवार से यह निकलकर सामने आया कि उनकी बेटी जानवरों के काम के लिए दूसरे के घर गई हुई थी तभी मोहल्ले के कुछ लोगों ने उसे घेर लिया। बहला-फुसलाकर उसे साथ चलने के लिए कहा लेकिन जब लड़की ने साथ जाने से इंकार कर दिया तो वह ज़बरदस्ती उसे घसीटते हुए घर के अंदर ले गए।
दोपहर के 1:00 बजे से रात 11:00 बजे तक लड़की का किसी भी तरह का कोई भी सुराग नहीं मिला। परिवार छानबीन करता रहा और पुलिस को भी सूचना दी तभी रात में लड़की गौशाला की तरफ से आई और अपनी आपबीती बताते हुए बिहोश हो गई।
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पीड़ित परिवार ने बताया कि उनकी लड़की को गौशाला के अंदर पूरा दिन कैद करके रखा गया था और वहां पर 4 लोगों ने लड़की के साथ छीनाछानी की। उसका फोन छीन लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया जिससे लड़की की हालत बहुत ही नाज़ुक हो गई थी।
पुलिस को तहरीर भी दी गई, लेकिन पुलिस ने रेप का मुकदमा दर्ज न करके छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर दिया।
पीड़ित परिवार जासूसी में बताता है कि इधर आरोपी का परिवार उनको डरा धमका कर गांव में उलझाए रहा उधर आरोपियों का चालान हो गया। पीड़ित परिवार अपना वकील तक नहीं कर पाया जिससे आगे की कोई कार्यवाही हो। आरोपी चालान के बाद छूट कर घर वापस आ गए। अब वह बराबर उन्हें धमकियां दे रहे हैं। परिवार के मुताबिक पुलिस ने न तो मुकदमा दर्ज किया और ना ही कोई कार्यवाही कर रही है यानी पुलिस और कानून दोनों ही उनका साथ नहीं दे रहा है इसलिए अब वह कानून के सहारे नहीं बैठेंगे। जो उनकी समझ में आएगा वही करेंगे। आरोपियों से उनको डर है। कभी-भी कुछ भी कर सकते हैं। आज उनकी एक लड़की के साथ हुआ है कल दूसरी लड़की के साथ भी हो सकता है।
पीड़ित परिवार जासूसी में ये भी बताता है कि उनका गांव हिंदू बहुल गांव है मुस्लिमों के गिने-चुने घर हैं। आज कल का जो माहौल है वह साफ दिख रहा है कि मुस्लिमों को टारगेट किया जा रहा है। यही कारण है कि उनकी सुनवाई कहीं पर भी नहीं हो रही है जिससे आरोपी खुलेआम उनके नज़र के सामने घूम रहे हैं और हँस रहे हैं।
कहते हैं कि, “हमारा कुछ नहीं हुआ, हम चाहें कुछ भी करें।” उनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं लेकिन पीड़ित परिवार बेचारा डर के मारे कुछ भी नहीं कर पा रहा है। यहां तक कि घर से बाहर निकलने के लिए डरता है। वह चाहता है कि उन्हें न्याय मिले। अगर कानून और पुलिस यहां से कुछ नहीं कर रहा तो वह लखनऊ जाएंगे। अगर वहां से भी कुछ नहीं होता और कानून उनका साथ नहीं देता तो वह मरेंगे या मारेंगे लेकिन अपने स्तर से जो भी उनको लगेगा वह ज़रूर से करेंगे।
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आगे कहा, जब कानून,पुलिस,प्रशासन न्याय के लिए बना हुआ है तो उनके केस में क्यों इतना ढिलाई की गई है? क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही? इससे उनको साफ नज़र आता है पुलिस भी पैसे पा गई है। क्योंकि पहले थाने में कहा जा रहा था कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद कुछ होगा और जब मेडिकल रिपोर्ट आई तो थाने के एसओ ने बताया कि उसमें निकल कर आया है कि गलत हुआ है। अब इस मामले पर कार्यवाही कोर्ट करेगी। कोर्ट में लड़की के बयान भी 474 धारा के तहत हुए हैं। इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
हमीरपुर जिले के एसपी का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और मामला कोर्ट में भी चला गया है। अब वहीं से फैसला होगा।
अब सवाल यह उठता है कि अगर पीड़ित परिवार और लड़की खुद बता रही है कि उसके साथ घटना हुई है तो फिर क्यों उनके मुताबिक रिपोर्ट नहीं दर्ज की गयी? कब तक इसी तरह महिलाएं और लड़कियां घटनाओं का शिकार होती रहेंगी और न्याय के लिए दर-दर भटकती रहेंगी? क्या वह भी कभी खुलकर सांस ले पाएंगी? तो यह थी मेरी आज की जासूसी भरी कहानी। अगली बार फिर मिलूंगी किसी नए मुद्दे के साथ तब तक के लिए दीजिए इज़ाज़त, नमस्कार।
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