खबर लहरिया Blog Halal Certificate: यूपी के सीएम योगी ने कहा ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ वाले उत्पाद न खरीदें, क्या है हलाल सर्टिफिकेट? 

Halal Certificate: यूपी के सीएम योगी ने कहा ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ वाले उत्पाद न खरीदें, क्या है हलाल सर्टिफिकेट? 

सीएम योगी ने अपील की कि कोई भी सामान खरीदते समय जीएसटी जरूर दें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “सामान खरीदते समय एक चीज जरूर देखिए। क्या उसमें हलाल सर्टिफिकेशन तो नहीं लिखा हुआ है। यानि हर वस्तु में हलाल सर्टिफिकेशन।

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सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन पर पूरी तरह से रोक लगी है। उत्तर प्रदेश में अब कोई भी संस्था हलाल सर्टिफिकेट लगाकर अपने प्रोडक्ट नहीं बेच पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने अपील की कि कोई भी सामान खरीदते समय जीएसटी जरूर दें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “सामान खरीदते समय एक चीज जरूर देखिए। क्या उसमें हलाल सर्टिफिकेशन तो नहीं लिखा हुआ है। यानि हर वस्तु में हलाल सर्टिफिकेशन। हमने यूपी में बैन किया है। मुझे लगता है यूपी में कोई उसे खरीदने या बेचने का दुस्साहस नहीं करेगा लेकिन आप आश्चर्य करेंगे कि साबुन का भी हलाल, कपड़े का भी हलाल।”

आगे कहा कि “हमने जब कार्रवाई शुरू की तो 25 हजार करोड़ रुपये देश के अंदर हलाल सर्टिफिकेशन से होता है। भारत सरकार या राज्य सरकार की किसी भी एजेंसी ने उन्हें मान्यता नहीं दी है। ये सारा का सारा पैसा आतंकवाद के लिए, लव जिहाद के लिए और धर्मांतरण में दुरुपयोग होता है।”

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा- 

पत्रिका के अनुसार हलाल सर्टिफिकेट पर दिए बयान के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने कहा कि हलाल सर्टिफिकेट देने का जो सिलसिला चल रहा है वह शरीयत की रोशनी में बिल्कुल गलत है। मजहब की आड़ में पैसा कमाने का यह जरिया बन गया है। मौलाना रजवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान से असहमति जताई कि हलाल सर्टिफिकेट के नाम पर वसूला जा रहा पैसा आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा अगर सरकार को ऐसा लगता है तो जांच कराए लेकिन बिना जांच के इस तरह का आरोप लगाना उचित नहीं है। मौलाना ने साफ कहा कि हलाल सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया सुधारनी चाहिए ताकि धर्म के नाम पर व्यापार न हो और समाज में गलतफहमियां न फैलें।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह ‘साजन’ का बयान 

सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ पर दिए बयान के बाद सियासी पारा हाई हो गया है। आज तक के रिपोर्टिंग अनुसार समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह ‘साजन’ ने सीएम योगी के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी को समय निकालकर के इस देश का इतिहास पढ़ना चाहिए। इस देश को बनाने में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबका खून-पसीना लगा है। सुनील सिंह ने आगे कहा कि आप इस्लामी राजनीति की बात कर रहे हैं। आप धर्म को सबसे पहले आगे ले आते हैं तो बताइये भगवान राम के नाम पर चंदा किसने चोरी किया? भगवान राम की जमीन पर घोटाला किसने किया? आज धर्म के नाम पर दलित और पिछड़ों का आरक्षण कौन छीन रहा है? कौन उनका हक खा रहा है? 

आख़िर क्या है हलाल सर्टिफिकेशन 

हलाल एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘वैध’। आमतौर पर खाने-पीने की चीजों पर हलाल सर्टिफिकेट जारी होता है। इसे गारंटी माना जाता है कि प्रोडक्ट मुस्लिमों के हिसाब से बना है। मतलब ऐसी कोई चीज नहीं है जिसे इस्लाम में हराम माना गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वेज, नॉन-वेज दोनों प्रोडक्ट के लिए होता है। मुस्लिम देशों में किसी कंपनी को खाने-पीने का सामान बेचना है तो ये ज़रूरी होता है कि कंपनी पहले ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ ले। भारत में खाने-पीने के सामान का सर्टिफिकेट FSSAI जारी करता है लेकिन FSSAI किसी तरह का हलाल सर्टिफिकेशन नहीं देता है। भारत में कुछ प्राइवेट कंपनियां ही हलाल सर्टिफिकेशन देती हैं। इनमें हलाल इंडिया प्रा. लि., जमीयत उलेमा ए हिंद हलाल ट्रस्ट है। कोई कंपनी अपने प्रोडक्ट को हलाल सर्टिफाइड करवाना चाहती है तो उसे हलाल से जुड़ी एजेंसी की पूरी प्रक्रिया से गुजरना होता है। 

यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने सीएम योगी के बयान पर सवाल उठाए हैं। कहा कि ये लोग सिर्फ सियासत के लिए हिंदू-मुस्लिम करते हैं। हलाल सर्टिफिकेट खराब है तो पूरे देश में बैन क्यों नहीं है? हलाल नहीं तो क्या अब हराम का सर्टिफिकेट लेंगे।

 

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