जिला गोरखपुर, विधानसभा गोरखपुर ग्रामीण 323 का गांव सेमरा मानिक चेक। दलित जाति का यह गांव राप्ती नदी किनारे बसा है। हर साल नदी में आने वाली बाढ़ इनको घर से बेघर कर देती है। हर चुनाव में यहां के लोगों की सुध तो ली जाती है लेकिन सिर्फ वोटर के नाम पर। इस बार के विधानसभा चुनाव में अभी तक उम्मीदवार उनके गांव उनसे बात तक करने को नहीं पहुंचे।
रिपोर्टिंग के लिए जब हम इस गांव पहुंचे तो मीडिया को जानकर लोग पार्टियों और उम्मीदवारों पर भड़क पड़े।
प्रेमचन्द्र भारती कहते हैं कि प्रदेश और देश में संविधान को बचाना है। जो समता मूलक समाज की स्थापना करे उसको वह वोट देंगे और उसी के साथ हैं।
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सावित्री देवी, बुधिया, तुलसा देवी और गुलइंचा कहती हैं कि यहां रहते उनकी उम्र बीती जा रही है। बीसों साल से इस गांव में रहते हैं लेकिन यहां पर कोई विकास नहीं हुआ है। राप्ती नदी में हर साल बाढ़ आती है तो घर डूब जाते हैं जब तक बाढ़ सिमट नहीं जाती तब तक अपने जीने के दिन गिनते हैं।
हरिओम भारती कहते हैं कि यहां पर दलित समाज के लोग रहते हैं। यहां पर लगभग एक हजार दो सौ वोटर है। भाजपा और सपा को वोट देकर उन्होंने देख लिया है इसलिए वह इस बार बीएसपी की सरकार चुनेंगे। पन्द्रह बीस साल से बीएसपी के उम्मीदवार को नहीं चुना गया है लेकिन इस बार पूरा मन बना लिए हैं।
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