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गौशाला के लिए दाव पर लगा बच्चों का भविष्य

साभार: विकिमीडिया कॉमन्स

क्या यूपी सरकार के पास इतनी भी जगह नहीं कि अब स्कूलों को ही गौशाला बनाने का प्रयास कर रही है? जी हाँ अपने ठीक सुना, यूपी सरकार अब गौशाला बनाने के लिए स्कूली ज़मीन को छिनने के प्रयास कर रही है।

जिसके चलते यूपी के बलरामपुर एक स्कूल में सरकार ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि वहां के खेल के मैदान को जल्द ही एक गौशाला में परिवर्तित कर दिया जाएगा।

ऐसे में स्कूल प्रशासन ने इस फैसले के खिलाफ जाते हुए विरोध किया कि वह इस स्कूल को गौशाला में बदलने नहीं देंगे।

भले ही ये स्कूल सरकारी ज़मीन का एक हिस्सा है पर इसका ये मतलब नहीं की सरकार, बच्चों से उनका हक़ ही छीन लेगी।

वहीँ दूसरी तरफ तुलसीपुर तहसील के पचपेड़वा गाँव में स्थित फ़ज़ल-ए-रहमानिया इंटर कॉलेज स्कूल को भी खाली करने का आदेश दिया गया है।

जहाँ एक तरफ कॉलेज अधिकारियों ने दावा करते हुए कहा कि यह 2.5 एकड़ की ज़मीन इस कॉलेज के नाम पर ही पंजीकृत है, लेकिन ज़िला प्रशासन के अनुसार यह ज़मीन ग्राम सभा की है।

जिसके चलते कॉलेज प्रशासन को धमकी देते हुए कहा गया है कि अगर जल्द ही ये ज़मीन खाली नहीं की गई तो उनके खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज कराई जाएगी।

सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल मोहद इस्माइल का कहना है कि “हमने इसको लेकर कई बार जिलाधिकारी को भी लिखा है। गौशाला के निर्माण के संबंध में हमे आज तक कोई नोटिस भी नहीं दिया गया। स्कूल में समाज के विभिन्न वर्गों के लगभग 1,500 छात्र हैं और अगर वे अपना खेल का मैदान खो देते हैं तो उन्हें काफी नुक्सान होगा”।

स्कूल के प्रबंधक शारिक रिज़वी के अनुसार गाँव में कई अन्य जगहों पर ज़मीन खाली है। “अधिकारी कहीं भी गौशाला का निर्माण कर सकते हैं। वे उस जमीन को क्यों छीन रहे हैं जिसका उपयोग स्कूल कर रहा है? हमारे कई छात्रों ने खेलों में राज्य का प्रतिनिधित्व किया है, दो ने हाल ही में वॉलीबॉल में उत्तर प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। प्रशासन इन बच्चों से उनका उज्जवल भविष्य क्यों छिनना चाहती है”?