फ्रांसीसी सांसदों ने वर्सेल्स पैलेस में 72 के मुकाबले 780 मतों से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। कल सोमवार 4 मार्च को हुए मतदान में फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में यह प्रावधान किया गया कि “कानून उन स्थितियों को निर्धारित करता है जिनमें एक महिला को गर्भपात का सहारा लेने की गारंटीकृत स्वतंत्रता होती है”।
फ्रांस दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने गर्भपात के अधिकार को अपने संविधान में शामिल किया। सोमवार 4 मार्च को 780-72 वोटों के भारी बहुमत से विधेयक को मंजूरी दे दी गई है जिससे यह एक महिला को अपनी इच्छा से गर्भपात (गर्भावस्था को समाप्त ) करने का अधिकार देता है।
फ्रांसीसी सांसदों ने वर्सेल्स पैलेस में 72 के मुकाबले 780 मतों से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। कल सोमवार 4 मार्च को हुए मतदान में फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 34 में यह प्रावधान किया गया कि “कानून उन स्थितियों को निर्धारित करता है जिनमें एक महिला को गर्भपात का सहारा लेने की गारंटीकृत स्वतंत्रता होती है”।
जानकारी के अनुसार, महिला अधिकार समूहों ने जहां इसे ऐतिहासिक कदम बताया है, वहीं गर्भपात विरोधी समूहों ने इसकी आलोचना की है।
एपी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने हाल के वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका में देखे गए गर्भपात के अधिकारों की वापसी को रोकने के एक तरीके के रूप में किया था।
ये भी पढ़ें – फ्रांस में संवैधानिक तौर पर महिलाओं को मिला ‘गर्भपात का अधिकार’, ऐतिहासिक कदम
फ्रांस के प्रधान मंत्री गेब्रियल का कहना
मतदान से पहले मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री गेब्रियल अटल ने कहा, “हम सभी महिलाओं को एक संदेश भेज रहे हैं। आपका शरीर आपका है और कोई भी आपके लिए निर्णय नहीं ले सकता।”
रॉयटर्स ( वर्ल्ड न्यूज़ एजेंसी) की रिपोर्ट के अनुसार, 1974 के कानून के बाद से फ्रांस में महिलाओं को गर्भपात का कानूनी अधिकार प्राप्त है – जिसकी उस समय कई लोगों ने कड़ी आलोचना की थी।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’