खबर लहरिया चित्रकूट पहले दो बच्चियां और फिर पिता क्या था घटना के पीछे का राज़ देखिये जासूस या जर्नलिस्ट, एपिसोड 13

पहले दो बच्चियां और फिर पिता क्या था घटना के पीछे का राज़ देखिये जासूस या जर्नलिस्ट, एपिसोड 13

जिला चित्रकू,  थाना बरगढ़ क्षेत्र के कटैया खादर गांव का 24 अप्रैल को एक मामला सामने निकल कर आया था। जिसमें जिसमें दो बहनों के लाश गांव के बाहर आम के पेड़ पर लटकी हुई मिली थी। परिवार वाले कुछ भी बताने से इनकार कर रहा था। सूचना आग को तरह फैलने लगी थाना की पुलिस सहित सीओ सिटी मौके पर पहुंचे, दोनों शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।  आपको बता दें कि जिन लड़कियों की लाश पेड़ पर लटकी हुई मिली थी, उनमें से एक लड़की का नाम शिवदेवी था, जो 15 साल की थी और दूसरी लड़की का नाम सविता था जो 17 साल की थी। दोनों लड़कियां रिश्ते में बहने थी। एक ही गांव में रहते थे। दोनों के परिवार बहुत खुश था, मजदूरी कर अपना पेट चला रहे थे।
 आखिर 24 अप्रैल को ऐसा क्या हुआ कि दोनों लड़कियों ने एक ही पेड़ पर फांसी लगाकर जान दे दी। और दोनों के परिवार में दुःखो का पहाड़ टूट पड़ा। जी हां क्योंकि अभी तक तो यही बताया जा रहा था की लड़कियों ने खुद से फांसी लगाई है क्योंकि जब हमने दोनों लड़कियों के पिता से बात की तो परिवार वालों को कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे थे सविता के पिता के अनुसार वह खेत गया हुआ था। सविता घर में अकेली थी,  जिनको खाना बनाया और लैट्रिन के बहाने घर से डिब्बा लेकर बाग की ओर चले गई।
 शिवदेवी के पिता ने बताया कि उन्हें इस पूरे मामले को लेकर कोई जानकारी नहीं है उन्हें लगता है कि उनकी बेटी ने खुद से फांसी लगाकर आत्महत्या की है।
 पर सवाल यह खड़ा हो रहा है आखिर इन दोनों लड़कियों ने फांसी एक साथ एक पेड़ पर क्यों लगाई, कहीं दोनों एक रिश्ते में तो नहीं थे। जी हां अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि परिवार वालों के अनुसार तो ऐसा कुछ नहीं था। दोनों अलग-अलग घर पर रहती थी। कभी कभी एक साथ मिल जाती थी। एक साथ रहती थी,  काम करती आती जाती थी। पर पुलिस के अनुसार यह क्लियर हो चुका था कि दोनों लड़कियां एक साथ रहते थी, जो फैमिली को पसंद नहीं था।जिसकी वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस कुछ भी कार्रवाई करने की बात कर रही थी,
पर हुआ क्या? जानना चाहेंगे आप
पुलिस लगातार उसी पीड़ित परिवार से पूछताछ कर परेशान  करती रही, पुलिस ने उस केस का खुलासा तो नहीं कर पाई, पर महीने बाद 21 मई को सविता के पिता गिरधारी की मौत जरूर हो गयी, जी हां गिरधारी की लाश गांव के बाहर फांसी पर लटकी हुई मिली। परिवार एक सदमे से उभर नही पाया था, की दूसरा दुःखो का पहाड़ टूट गया।
मृतक गिरधारी की पत्नी और सविता की माँ ने बताया की गिरधारी अपनी बेटी सविता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए मऊ थाना गया हुआ था। शाम को वह घर नहीं आया 21 मई को उसकी लाश पेड़ पर लटकी हुई मिली।
मृतक गिरधारी की पत्नी और सविता की मां ने ये भी आरोप लगाया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं बल्कि किसी ने उसकी हत्या की थी। पिता लगातार उस केस के बारे में खोजबीन कर रहा था। उस केस का खुलासा होने ही वाला था कि विपक्षी पार्टियों ने उसके पिता को भी फांसी लगाकर मौत की नींद सुला दी।
पुलिस ने इस मामले पर अभी तक किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नही की है। जिस परिवार से जवान बेटी मार जाए, बच्चो का भरण पोषण और खुशियां देने वाला ब्यक्ति दूर हो जाये, वह परिवार कैसे जी रहा होगा।  पुलिस इतने बड़े मामले को एक आत्महत्या केस का हवाला देकर बंद कर रही है। जब न्याय का देवता ही अन्याय का साथी हो जाये तो जिसके पास न्याय की पीड़ित गुहार लगाए। आपके अनुसार इस केस में क्या होना चाहिए, हमे कॉमेंट बॉक्स पर जरूर लिख कर बताए।