जिला फतेहपुर, ब्लाक बहुआ, गांव चन्दौरा। यहां पर लगभग 80 प्रतिशत किसान हैं जो कृषि के सहारे ही निर्भर है और दो नहरे निकली हुई महाना माइनर और दशहरी माइनर लेकिन लोगों का आरोप है कि इन नहरों में टेल तक पानी नहीं पहुंचता जो भी पानी आता है। बिल्कुल थोड़ा-थोड़ा आता है जिससे जानवर तो अपनी प्यास बुझा सकता है। पर खेतों की सिंचाई की प्यास नहीं बुझ सकती इसलिए वह काफी परेशान रहते हैं और बादलों ताकते रहते हैं या फिर किसी के ट्यूबवेल से सिंचाई करके थोड़ा बहुत खेती कर पाते हैं। इसके लिए कई बारी वह किसान मिलकर जाम भी लगाते हैं प्रदर्शन भी करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती ऊपर से उनको डरवा धमका के लाठी चार्ज करके शांत कर दिया जाता है।
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चन्दौरा गांव के किसान दिनेश कहते हैं कि उनके पास 5 बीघा जमीन है, वह कृषि पर ही निर्भर रहते हैं और परिवार में भी 5 सदस्य हैं,लेकिन यहां पर किसानों की इतनी बुरी स्थिति है कि उनकी कमर टूटी जा रही है। महंगाई चरम सीमा पर है, लेकिन किसानों को ना तो पानी मिल रहा और ना ही भरपूर बिजली मिल रही जिससे वह कृषि का काम पूरा कर सकें। सरकार वादे तो बड़े-बड़े किसानों की आय बढ़ाई जाए करने की करती है पर कहने और करने में बहुत अंतर होता है। 2 सो 3 रूपये का घंटा दूसरों के बोरों से पानी लेकर किसी तरह से सिंचाई करवाते हैं। जब यहां से नहरे निकली है और पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने लगे तो इस तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े जिसके पास पैसा है वह तो ठीक है लेकिन जिसके पास नहीं है उसको बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता थोड़ा बहुत पानी आता है, जो कि जानवर ही अपनी प्यास बुझा सकता है। अगर कोई सिंचाई भी करना चाहे तो किसी तरह पंपीसेट रख कर कर पाए तो बड़ी बात है वरना सिंचाई का कोई साधन नहीं है और ना ही लोग पंपीसेट लगवा पा रहे हैं नहरों के कारण इससे अच्छा है कि नहरे बंद कर दी जाए तो लोग पंपीसेट लगवा ले अपने खेतों में सिंचाई के लिए।
फतेहपुर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नंद गुप्ता का कहना है कि नीचली गंगा से दसहरी और महाना माइनर नहरे गई हुई है। अभी तक पानी छूटा था वहां के लिए मंगलवार को ही बंद हुआ है। लेकिन अगर चन्दौरा गांव में टेल तक पानी नहीं पहुंचता और पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं जाता तो इसके लिए बात की जाएगी और जांच करके वहां के पानी पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि किसानों को दिक्कत ना हो।
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