उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के नगर पंचायत बहुआ में 2011 में एक बारातघर बनाया गया था, जिसकी हालत जर्जर पड़ी हुई है। यहाँ के लोगों का कहना हैं कि सरकार गरीबों के लिए व्यवस्थाएं करती है और करोड़ों रुपया खर्च करती है, लेकिन गरीबों को सही तरीके से वह व्यवस्था नहीं मिलती है। बरात घर सरकारी होने के बावजूद, यहाँ के चेयरमैन द्वारा गरीबों से पैसे वसूले जाते हैं जोकि कानून के सख्त खिलाफ है। नगर पंचायत बहुआ में लगभग 1000 लोगों की आबादी है और पूरे इलाके में केवल यही एक बारातघर है।
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लोगों का कहना है कि सरकार ने करोड़ों रुपया की लागत में यह भवन बनवाया है, लेकिन यहां की व्यवस्थाएं सही ढंग से नहीं हैं। यदि बजट के हिसाब से बारातघर बनाया जाता, तो इस तरह की समस्याएं नहीं होतीं जो आज दिखाई दे रही हैं। इस भवन की सारी व्यवस्थाएं पेपर पर तो ठीक हैं, लेकिन वास्तविक्ता तो कुछ और ही है, न सही तरह के शौचालय हैं, न ही फर्नीचर सही है, और इस भवन में शराबियों के लिए एक अड्डा बना हुआ है। इसलिए गांव वालों की मांग है कि यदि बरात घर बनाया जा रहा है, तो उसकी व्यवस्था सही तरीके से की जाए।
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बहुआ नगर पंचायत की अध्यक्ष रेखा वर्मा का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद पहली बोर्ड बैठक 15 मई को हुई थी, जिसमें पूरे बारातघर को नए तरीके से बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था । जब बजट आएगा, तो इस कार्य को जल्द ही शुरू किया जाएगा।
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