चित्रकूट जिले का अमचुर नेरुवा गाँव में कई पंचवर्षीय बीत गई पर विकास नहीं हुआ। जंगली इलाका और आदिवासी क्षेत्र होते हुए भी यहाँ के लोग सड़क, बिजली पानी की समस्या से परेशान हैं। लोगों को नये प्रधान से उम्मीद है कि उनके गाँव में विकास की लहर आ सकती है।
जिला चित्रकूट, ब्लॉक मानिकपुर, गांव अमचुर नेरुवा मजरा खदरा। यहाँ लगातार एक ही प्रधान की प्रधानी में कई पंचवर्षीय बीत गई लेकिन विकास नजर नहीं आया। ननकी, गंगा, मुन्नी लाल, शिवभजन और रामकली का कहना है कि कई सालों से एक ही प्रधान हो रहे हैं। इस कारण से गांव में विकास नही हुआ है। यदि इस गाँव में आदिवासी भी प्रधानी जीतते हैं तो प्रधानी इस गाँव के राजाभइया ही करते हैं।
अब इस साल दूसरे प्रधान हुए हैं शायद ही कुछ विकास हो जाये। यह गांव जंगल से लगा हुआ है फिर भी यहाँ न आरसीसी सड़क बनी है न ही शौचालय और न ही लोगों को आवास मिला है। एक ही हैण्डपम्प है जिसमें गर्मी में पानी ही नही आता है। बरसात में घुटने तक पानी भरा रहता है। किसी महिला को प्रसव पीड़ा हो तो एम्बुलेंस नहीं आती, अगर आती है तो तीन किलोमीटर दूर खड़ी रहती है। वहां तक पैदल या चारपाई पर लिटा कर ले जाओ।
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झोपड़ी पर पन्नी तानकर हो रहा गुजारा
सरकार के तरफ से आदिवासी परिवारों पर सिर्फ सर्वे होता है उनका विकास नहीं होता। रहने के लिए घर नहीं है झोपड़ी में पन्नी तान के रहते हैं पर किसी को आवास नही मिला। खदरा पुरवा की आबादी लगभग तीन सौ है। जिसमें से एक दो लोगों को भले मिल गया हो। गांव अमचुर नेरूवा के कुल वोटर लगभग 900 हैं। यदि कुछ विकास भी आता है तो प्रधान कागज में पूरा कर लेते हैं। गांव तक विकास नहीं आने पाता है।
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लकड़ी बेंचकर चला रहे आजीविका
रामकली का कहना है कि जंगल से लकड़ी तोड़कर बेंचकर लाते हैं उसी पैसे से नमक रोटी चलता है। यह जंगली इलाका है इस कारण से कोई अधिकारी भी नहीं आते हैं। आदिवासी परिवार अनपढ़ है योजनाओं के बारे में कुछ जानते नहीं। न ही किसी अधिकारी से कुछ बोल पाते हैं। कई पीढ़ी बीत गई पर यहाँ कोई विकास नहीं हुआ है।
पूर्व प्रधान कल्ली देवी प्रतिनिधि राजा त्रिपाठी का कहना है कि जो भी विकास अमचुर नेरूवा में आया था वह करवाया गया है। वहां पानी की बहुत ही ज्यादा दिक्कत है। बोर करवाने गये थे तो सक्सेज नहीं हुआ। आवास, शौचालय और सड़क को देंगे प्राथमिकता प्रिया द्विवेदी वर्तमान प्रधान गाँव अमचुर नेरूवा का कहना है कि कई पीढ़ी से एक ही प्रधान प्रधानी करते चले आ रहे थे। इस पंचवर्षीय में वह स्वयं प्रधानी करेंगी। मजरा खदरा में विकास नहीं हुआ जिसको वह प्राथमिकता देंगी। आवास, शौचालय और सड़क पर वह बजट आते ही गांव का पूरा विकास करवाएंगी। ताकि गाँव वालों को लाभ मिले।
सुनील कुमार सिंह खंड विकास अधिकारी मानिकपुर का कहना है कि 62 ग्रामपंचायत है। आबादी के अनुसार एक साल का चौदह-पंद्रह लाख का बजट आता है। इस बार गांव अमचुर नेरुवा के प्रधान बदले हैं तो गाँव में विकास होगा। अगर कोई शिकायत आती है तो सर्वे कराया जायेगा।
इस खबर की रिपोर्टिंग सुनीता देवी द्वारा की गयी है।
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