महोबा जिले के काशीराम कालोनी में 15 दिन पहले इस लॉकडाउन में लोगों के घरों में लगे बिजली के कनेक्शन काट दिए हैं जिससे लोग अँधेरे में रहने को मजबूर हैं। दिन-रात एक जैसी स्थिति में लोगों का जीना मुहाल हो गया है।लोगों ने अपील किया है कि उनके कनेक्शन जोड़े जाये स्थिति सुधरते ही वह बिल भर देंगे।
महोबा जिला के कस्बा कुलपहाड़ काशीराम कॉलोनी में 15 दिन पहले लोगों के बिजली का कनेक्शन काट दिया गया। जिससे लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का आरोप है कि एक तो कोरोना में घर से बाहर नहीं जाना है दूसरे बिजली काट दी गई जिससे लोग दिन में भी अँधेरे में गुजारा कर रहे हैं। गर्मी का महीना और इतनी भयंकर धूप में लोग अपने घरों में कैद हैं। पर प्रशासन उनकी एक न सुन रहा है।
40 घरों के काटे गये कनेक्शन, अँधेरे में रह रहे हैं लोग
काशीराम कालोनी निवासी मोहम्मद हैदर का कहना है कि लगभग 15 दिन से ज्यादा हो गए बिजली विभाग के अधिकारी आए थे और हमारे घरों के कनेक्शन काट दिए हैं। 1 साल पहले हमने काशीराम कालोनी में कनेक्शन करवाया था और तबसे बिल नहीं जमा कर पाए थे। क्या करें जबसे कनेक्शन कराया है तबसे लॉकडाउन ही लगा रहा और लॉकडाउन में काम लगा ही नहीं है।
जब स्थिति थोड़ी कमाने खाने लायक हुई तो फिर से कोरोना आ गया अब ऐसे में बिल कहाँ से भरें। हम लोग रोज के कमाने खाने वाले मजदूर हैं इतना हमारे पैसे नहीं हैं कि बिल भर सकें। अगर इतना ही हमारे पैसा होता तो हम काशीराम कॉलोनी में रहने के पात्र न होते। यह बात प्रशासन को भी पता है की हम सब बिल भरने योग्य नहीं हैं या फिर कुछ टाइम दिया जाता यूँ अचानक से बिजली काट दी गई यह कहाँ का नियम है।
1000 रूपये महीना बिल आने पर फूटा लोगों का गुस्सा
स्थानीय निवासी कल्ली बताती हैं कि पहले तो सरकार के तहत मिट्टी का तेल मिलता था तो उजाला कर लेते थे। अब मिटटी का तेल भी नहीं है और बिजली भी नहीं है तो कैसे रहें अँधेरे में? रात में तो सो जाओ किसी तरह बीत जाता है लेकिन दिन कैसे बीते। रात-दिन सब एक सामान हो गया है। अँधेरे में कैसे बनाये खाएं कैसे रहें। अनुवाद ने खबर लहरिया को बताया कि 1 साल का बिल 12000 आया है इतना बिल वह नहीं जमा कर सकते हैं। काशीराम कॉलोनी में बहुत धांधली मची हुई है इतना बिल बिजली विभाग के तहत नहीं आना चाहिए। सिर्फ एक पंखा और एक बल्ब जलता है इतने में 12000 का बिल कैसे आ सकता है। 1000 का महीना बहुत होता है इतना बिल नहीं आना चाहिए।
अनुवाद का कहना है कि उन्होंने कनेक्शन काटने आये लोगों से बहुत बिनती किया कि वह रोज कमाने खाने वाले लोग हैं और अभी लॉकडाउन में स्थिति वैसे ही गंभीर है तो हजार रूपये महीने के नहीं भर पायेगे। सौ दो सौ रूपये की बात हो तो बात अलग है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। वह चाहते हैं कि उन्हें कुछ छूट मिले ताकि समय से बिल भर पाये।
प्रशासन से की अपील
ममता का कहना है की उनके तीन बच्चे हैं और वह छोटी सी दुकान करके अपना और अपने बच्चों का भरण पोषण करती हैं। कभी नमक रोटी खाकर तो कभी चटनी रोटी खाकर गुजारा कर रही हैं। अब लाइट काट ले गए हैं तो इस समय इतनी गर्मी में कैसे गुजारा हो। रात भर मच्छर काट रहे हैं बच्चे चिल्लाते हैं क्या करें? कल को बिमारी भी फ़ैल सकती है तो इस कोरोना कॉल में कहाँ जायेगे कैसे इलाज होगा। प्रशासन को कमसे कम कोरोना ठीक होने तक रुकना चाहिए था। राजन कहते हैं कि काशीराम कॉलोनी में लगभग 35 से 40 कनेक्शन हैं। हमारा बिजली विभाग से अनुरोध है कि “यहां के लोगों का उचित बिल आना चाहिए ताकि यहां के लोग हर महीना बिजली का बिल भर सकें।”
ज्यादा बिल आने पर ग्रामीण विभाग से कराये संशोधन- एसडीओ कुलपहाड़
विद्युत विभाग कुलपहाड़ के एसडीओ विकास श्रीवास्तव ने खबर लहरिया को बताया कि जब से काशीराम कॉलोनी में बिजली लगी है वहां के लोगों ने बिजली का बिल नहीं भरा था। जो बिजली का बिल नहीं भरेगा उसके मीटर काटे जाएंगे। अगर किसी उपभोक्ता को लगता है कि उनका बहुत ज्यादा बिल आता है तो कुलपहाड़ गोदी चौराहे पर बने कार्यालय से अपने बिल का संशोधन करा सकते हैं।
यह आर्टिकल खबर लहरिया के लिए रिपोर्टर श्यामकली द्वारा रिपोर्ट और सीनियर प्रोड्यूसर ललिता द्वारा लिखा गया है।