हैदराबाद केस में प्रियंका रेड्डी को सामूहिक बलात्कार के बाद जिंदा जला दिया गया अब अपने देश भारत में हम महिलाएं और लड़कियां कहीं पर भी सुरक्षित नहीं हैं
इस हैदराबाद केस के बाद लोग रेप पर चर्चा न करके हिन्दी मुस्लिम पर बात कर रहे हैं घिन आती है ऐसे लोगों की घिनौनी सोच पर. जहां पर बलात्कार करने में एक मुस्लिम और तीन हिन्दू भी शामिल हैं अरे अपराध तो अपराध है.
अपराध करने वाला कोई भी कौम का है हिंसा पर बात करो सजा पर बात करो क्यो हर जगह पर हर वक्त हिंदू मुसलमान घुसेड़ते हो कितने बतात्कारी है जो सिर्फ हिन्दू है नेता मंत्री , विधायक ,महंत पुजारी समाज के ठेकेदार जो आज भी सत्ता पर बैठे हैं
इन सबको खींच कर बीच सड़क पर प्रेट्रोल डाल कर जला दो या फिर देश कि हर औरत को खुशी खुशी जला दो ताकि बतात्कार की शिकार न हो अरे मर्दो क्यो आप इतना जानवर का रूप धारण कर रहे हो आप लोगों से वेहतर तो कुत्ते हैं हर एक जानवर है जो प्यार से रहता है झुंड में बैठता है और आप तो औरतों को इस दुनिया में जीने नहीं दे रहे हैं
ये दिसम्बर का महीना जाते जाते फिर से पुराने घाव को ताजा कर गया 2012 का निर्भया रेप कांड की सजा नहीं उन बलात्कारियों को नहीं मिली लेकिन फिर से हैदराबाद केस निर्भया को जिंदा जला दिया क्यो कड़ी सजा नहीं दे रही है सरकार क्यो कान में तेल डाले बैठी है
सरकार भी जानती है कि अगर फांसी की सजा एक भी बलात्कारी को देगी दो सारे नेता मंत्री विधायक और धर्म के ठेकेदार जिनके ऊसर रेप केस सिद्ध हो चुके हैं उनको भी फांसी देनी पड़ेगी इसीलिए सरकार कड़ी सजा नहीं देना चाहती भारत पाकिस्तान कश्मीर और राममंदिर पर कड़े निर्णय लेनी की छमता है सरकार में लेकिन बलात्कारियों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने की छमता नहीं है अरे धिक्कार है
ऐसी सरकार पर साथियो बहुत कुछ बोलने को मन करता पर क्या करूं अपने आप को रोक रही हूं अगर आपको भी दुख है
सीतापुर- भूख से हुई बच्ची की मौत की जमीनी हकीकत, अब भी भुखमरी में जी रहा परिवारउन्नाव में हैदराबाद जैसी घटना, गैंगरेप पीड़िता को जिंदा जलाया
गरीबों के राशन कार्ड नहीं बनते हैं राशन कार्ड तो अमीरों के और पैसे वालों के बनते है बहुत ही गरीब लोग हैं जिनके पास राशनकार्ड नहीं होते हैं कयी बार राशन कार्ड होते हुए भी गरीबो अनाज नहीं मिलता है सरकार कै इस योजना को समय समय पर मुल्याकंन करना चहिए
साधना दस्यु सुंदरी की डाकू बनने की कहानी को हमने 22नवम्बर को पबलिश किया था लोग इस स्टोरी को आज भी बहुत पसंद कर रहे हैं हर दिन दो हजार व्यूज मिल रहे है
एस पी बोल रहा है कि यह चार साल से साधना सक्रिय थीं लेकिन गांव वाले बोल रहे हैं कि एक साल पहले सादी हुई है ,
पुलिस के साथ मीडिया का भी बड़ा रोल है साधना को डाकू बनाने में कोई भी मिडिया आज तक साधना के परिवार से नहीं मिली बस घर बैठे बैठे खबर बना कर चलाया है
जो जो पुलिस बोलती गयी वह छापते गये पुलिस को वाहवाही लूटना है इतना दम था पुलिस में तो बड़े डाकुओं को उनके घर से उठा लाती है पकडती तो मैं जानती बहादुरी लेकिन साधना एक औरत है उसके साथ हिंसा करना या पड़कना आसान है न कितनी दर्द भरी कहानी है साधना की यह किसी मिडिया नहीं दिखाया |