खबर लहरिया Blog क्या राहुल गांधी अपने कार्यक्रम में चीन का संविधान लेकर जाते हैं? वायरल वीडियो | Fact Check

क्या राहुल गांधी अपने कार्यक्रम में चीन का संविधान लेकर जाते हैं? वायरल वीडियो | Fact Check

Fact Check by Newschecker

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सवाल किया जा रहा है कि “क्या राहुल गांधी अपने मंच पर चीन का संविधान को लेकर जाते हैं? क्योंकि चीन के संविधान का रंग लाल है।”

Claim
क्या राहुल गांधी अपने कार्यक्रम में चीन का संविधान लेकर जाते हैं?

Fact
नहीं, यह भारतीय संविधान का पॉकेट बुक है.

सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की एक रैली की तस्वीर काफी वायरल हो रही है, जिसमें वे मंच पर लाल रंग के भारतीय संविधान के पॉकेट बुक को पकड़े नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर एक सवाल काफी उठ रहे हैं, जिसमें यह कहा जा रहा है कि “क्या राहुल गांधी अपने मंच पर चीन का संविधान को लेकर जाते हैं? क्योंकि चीन के संविधान का रंग लाल है”.

हमने अपनी रिपोर्ट में इसी सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की तो पाया कि राहुल गांधी अपने कार्यक्रम में ईबीसी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित भारतीय संविधान का पॉकेट बुक लेकर जाते हैं.

यह सवाल भाजपा के दो बड़े नेताओं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के एक ट्वीट और केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर तैरने लगा.

दरअसल 17 जनवरी को हिमंत बिस्वा सरमा ने एक कोलाज अपने X अकाउंट से पोस्ट किया, जिसमें राहुल गांधी, भारतीय संविधान और चीनी संविधान की तस्वीर मौजूद थी. यह कोलाज ट्वीट करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कैप्शन में लिखा कि “भारत के संविधान की मूल प्रति का कवर नीला है. वहीं मूल चीनी संविधान का आवरण लाल है. क्या राहुल चीनी संविधान लेकर चलते हैं? हमें इसको जांचना होगा”

केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने भी उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर की एक जनसभा में कहा कि ”राहुल गांधी संविधान की किताब लेकर दिखा रहे हैं, भारतीय संविधान का कलर नीला होता है और राहुल गांधी जो लाल संविधान दिखा रहे हैं वो लाल संविधान चीन का होता है”.

Courtesy: X/HindiKhabar

इन दोनों नेताओं के बयान के बाद सोशल मीडिया पर सवाल पूछने वाले अंदाज में यह दावा काफी वायरल होने लगा कि “क्या राहुल गांधी चीन का संविधान अपने कार्यक्रम में दिखाते हैं”.

Fact Check/Verification

Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए उस कार्यक्रम को ढूंढा, जिसकी तस्वीर वायरल कोलाज में शामिल थी. इस दौरान हमें यह दृश्य 5 मई को तेलंगाना के नगरकुर्नूल में हुई राहुल गांधी की रैली में मिला. इस कार्यक्रम को राहुल गांधी के यूट्यूब अकाउंट से लाइव किया गया था.

करीब 51 मिनट के यूट्यूब वीडियो में हमें 27 मिनट से वह दृश्य दिखाई दिया, जिसमें राहुल गांधी मंच पर हाथ में एक किताब उठाए हुए भाषण देते नजर आ रहे हैं. इस दौरान वह यह कहते हुए कि “गरीब और आम जनता को आजतक जो भी फायदा मिलता है, वह इस किताब की वजह से मिला है. इस किताब से पहले लोगों के लिए हिंदुस्तान में कोई आधिकार नहीं था. लेकिन आज पीएम मोदी और बीजेपी इस किताब को फाड़कर फेंकना चाहते हैं. यह किताब आंबेडकर और गांधी ने दी. यह चुनाव इस किताब को बचाने का चुनाव है”.

Courtesy: YT/Rahul Gandhi

इस दौरान जब हमने उस किताब को ज़ूम करके देखा तो पाया कि उस पर “THE CONSTITUTION of INDIA” लिखा हुआ है.

जांच में हमें इस तरह के दृश्य कांग्रेस पार्टी के फेसबुक अकाउंट से अपलोड की गई कई तस्वीरों में दिखाई दिए. इन तस्वीरों में मौजूद किताब को देखने पर हमने पाया कि लाल और काले रंग की इस किताब में नीचे अंग्रेजी में EBC लिखा हुआ है.

                                               Courtesy: FB/INC

अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से सर्च किया तो पाया कि यह ईबीसी प्रकाशन की तरफ से जारी किया गया भारतीय संविधान का कोट पॉकेट एडिशन है. कोट पॉकेट एडिशन का अर्थ, जिस किताब को आप अपनी कोट की जेब में रख सकते हैं. साथ ही हमने यह पाया कि यह पॉकेट बुक मुख्य तौर पर गोपाल शंकरनारायण ने तैयार किया है.

इसके अलावा, हमने असल संविधान की तस्वीर भी देखी तो पाया कि कवर पर सुनहरे रंग के फूल और बीच में अंग्रेजी में CONSTITUTION of INDIA लिखा हुआ है और नीचे अशोक स्तंभ मौजूद है.

इसके बाद हमने चीन के संविधान को भी ढूंढा तो पाया कि वास्तविक संविधान पूरी तरह से लाल रंग में है और उसपर चीनी भाषण में लिखे शब्द मौजूद हैं.

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि राहुल गांधी मंच पर जिस किताब को दिखाते नजर आते हैं, वह भारतीय संविधान का पॉकेट बुक एडिशन है.

Result: False

Our Souces
Video streamed by Rahul Gandhi YT account on 5th May 2024
Images uploaded by INC FB account
Images uploaded by EBC Website

(यह लेख मूल रूप से सबसे पहले  Newschecker द्वारा प्रकाशित किया गया था व इसे शक्ति कलेक्टिव के भाग के रूप में खबर लहरिया द्वारा दोबारा प्रकाशित किया गया है।) 

 

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