शादी हमारे देश में एक अहम हिस्सा माना जाता है। हर इन्सान को शादी करना ही करना है। शादी के बाद समाज में एक अलग रूतबा हासिल कर लेते हैं। शादी में मज़ा भी आता है एन्जॉय भी खूब करते हैं। रिश्तेदारों से मिलना होता है खाना भी खूब मजेदार मिलता है। लेकिन हम शादी की बात करें तो आजकल हर इन्सान अपने मन की शादी करना चाहता है। जीवनसाथी अपने मन का चाहता है।
ये भी देखें – “लड़कियां फ़ोन चलाएंगी तो बिगड़ जाएँगी!” बोलेंगे बुलवाएंगे हंस के सब कह जायेंगे
समाज की रूढ़ीवादी सोच बदल तो रही है लेकिन कितनी और किसके लिए आज भी वो सदियों पुराना नज़रिया लड़की-लड़कों में अंतर वाला, लड़कियों के लिए ज़्यादा अंतर नहीं आया। लड़कियों को आज भी किसी चीज़ की आजादी नहीं है। अगर किसी तरह वो अपने मन का कर भी पाती हैं तो बहुत संघर्ष करना पड़ता है।
शादी अपने मन से करने की पर्मिशन ज़्यादातर लड़कों को होती है। अगर लड़के किसी को पसंद करते हैं, उनकी शादी को परिवार अरेंज मैरिज बना लेता है। वहीं अगर लड़की अपने पसंद से शादी करना चाहती है तो वो ग़लत कहलाई जाती है, बेशर्म हो जाती है। अगर किसी तरह लड़की अपनी बात मनवा भी लेती है तो परिवार के लोगों बहुत-सी शर्तें होती हैं, जैसाकि लड़का सरकारी नौकरी वाला हो, अच्छे परिवार से हो, जाति में कोई अंतर न हो। अगर इन शर्तों में लड़की अपनी पसंद तय कर पाए तो शादी हो सकती है, वो भी बड़ी मुश्किल से।
ये भी देखें – बेटियों की शादी में जल्दी क्यों ? | बोलेंगे बुलवाएंगे शो
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’