दिल्ली की वायु गुणवत्ता 312 AQI के साथ “बहुत खराब” श्रेणी में रही। यह पहली बार है कि राष्ट्रिय राजधानी में बहुत खराब वायु दर्ज़ की गयी है। वहीं गुड़गांव और नोएडा में भी वायु गुणवत्ता 322 और 305 एक्यूआई के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी है।
राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में बैन के बावजूद कल सोमवार दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ हो गया है जबकि अन्य मुख्य शहरों में “संतुलित” या ‘संतोषजनक’ वायु गुणवत्ता दर्ज की गयी है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार 25 अक्टूबर को दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के निवासियों द्वारा प्रदूषण को रोकने के लिए किये गए प्रयास उत्साहजनक है लेकिन अभी भी इसके लिए एक लम्बा रास्ता तय करना है। केजरीवाल का यह बयान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता सूचकांक आने के बाद दिया गया।
कहा गया कि पिछले साल की तुलना में इस साल की परिस्थिति कुछ बेहतर थी जोकि पटाखों और पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने का परिणाम है।
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दिल्ली में प्रदूषण बढ़ोतरी पर केजरीवाल का बयान
दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रदूषण के क्षेत्र में दिल्लीवासी काफ़ी मेहनत कर रहे हैं। काफ़ी उत्साहजनक नतीजे आये हैं। पर अभी लंबा रास्ता तय करना है। दिल्ली को दुनिया का सबसे बेहतरीन शहर बनायेंगे।”
प्रदूषण के क्षेत्र में दिल्लीवासी काफ़ी मेहनत कर रहे हैं। काफ़ी उत्साहजनक नतीजे आये हैं। पर अभी लंबा रास्ता तय करना है। दिल्ली को दुनिया का सबसे बेहतरीन शहर बनायेंगे https://t.co/VVoLxBrGd4
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 25, 2022
वहीं मानव यादव नाम के एक पत्रकार ट्वीट करते हुए लिखते हैं, ” (बीते 5 साल में) दिवाली की अगली सुबह सबसे बेहतर हवा की गुणवत्ता, दिल्ली का AQI 326
दिवाली की अगली सुबह,
साल 2021 में AQI- 462
साल 2020 में 435
साल 2019 में 367
और साल 2018 में 390
हवा की गुणवत्ता ‘बेहद ख़राब’ श्रेणी में लेकिन 5 साल में सबसे बेहतर।”
शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक के बारे में जानें
दिल्ली की वायु गुणवत्ता 312 AQI के साथ “बहुत खराब” श्रेणी में रही। यह पहली बार है कि राष्ट्रिय राजधानी में बहुत खराब वायु दर्ज़ की गयी है। वहीं गुड़गांव और नोएडा में भी वायु गुणवत्ता 322 और 305 एक्यूआई के साथ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी है।
इससे पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इसी महीने दिल्ली में सबसे शुद्ध हवा होने को लेकर बयान ज़ारी किया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 301 और 400 के बीच एक्यूआई को “बहुत खराब” माना जाता है। इसके साथ ही लंबे समय तक ऐसे वायु के संपर्क में रहने पर सांस की बीमारी भी हो सकती है।
इसी बीच सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (System of Air Quality and Weather Forecasting and Research) ने मुंबई और पुणे में हवा की गुणवत्ता को ‘मध्यम’ और ‘संतोषजनक’ बताया। सीपीसीबी (CPCB) ने कल 136 का AQI दर्ज किया था, जिसमें प्रमुख प्रदूषक PM10 और PM2.5 मुंबई में था।
सीपीसीबी के अनुसार, बेंगलुरु ने ‘संतोषजनक’ वायु गुणवत्ता के साथ 100 का एक्यूआई सूचकांक मूल्य दर्ज किया गया। चेन्नई में 192 का ‘मध्यम’ AQI मान दर्ज किया गया।
सीपीसीबी ने कोलकाता शहर की वायु गुणवत्ता को 55 AQI के साथ ‘संतोषजनक’ बताया। प्रमुख प्रदूषकों की पहचान PM10 और NO2 के रूप में की गयी। हाल ही में, पश्चिम बंगाल के पर्यावरण मंत्री मानस भुनिया ने कहा था कि परिबेश भवन में नया केंद्रीय नियंत्रण कक्ष दिवाली और काली पूजा पर वास्तविक समय में ध्वनि और वायु प्रदूषण की निगरानी पर काम कर रहा है।
पटाखों पर बैन व राज्य सरकारों द्वारा किये गए प्रयासों के परिणामस्वरूप वायु गुणवत्ता कई शहरों में “संतोषजनक” रही, लेकिन अभी भी यह नहीं कहा जा सकता कि वायु लोगों के सांस लेने के लिए बेहतर है।
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