नमस्कार दोस्तों द कविता शो के इस एपीसोड में आपका स्वागत है। तो दोस्तों कोरोना तो एक तरह का अब हऊआ बन गया है। कोरोना को महामारी भी कर घोषित कर दी गई है, लेकिन जो बीमारी पहले से जानलेवा है सरकार उनके बारे में क्यों सचेत नहीं होती है। डेंगू, टीवी जैसी जानलेवा बीमारी के बचाव के लिए आखिर सरकार के पास क्यों कोई ख़ास इंतजाम नहीं है। आप सोच रहे होगे मैं ऐसा क्यों बोल रही हूँ और हो सकता है कई लोग समझ भी गये होगे।
तो दोस्तों बात करना चाहती हूँ कुछ जानलेवा बीमारियों की। वैसे तो बिमारी सारी जानलेवा होती है अगर उनका इलाज समय पर न हो लेकिन कुछ बिमारी हैं जिनको अंदाज करेगें तो जान गवानी ही पड़ेगी। तो अब कोविड के साथ देश में डेगू बिमारी का प्रकोप बढ़ गया है। कई जिले डेगू की चपेट में हैं। और टीबी की बिमारी से तो लोग पहले से पीड़ित हैं। इन दोनों बीमारियों से बड़ी संख्या में लोग जान भी गवा चुके हैं, लेकिन न तो ये बिमारी महामारी घोषित की गई हैं न ही इनसे निपटने के लिए कोई ख़ास जागरूकता है न ही उपाए बताये जाते हैं। अगर हैं भी उपाए तो कागज में सीमित हैं। बाँदा में एक माह पहले रवी सिंह ठाकुर की मौत डेगू की वीमारी की वजह से हुई और मौत के बाद वो सोसल मीडिया में वायरल हुए। और लोगों ने उनके बारे में और बिमारी के बारे में खूब बात की। किसी के मौत के पहले इस बिमारी के बारे क्यों चर्चा नहीं होती। अभी भी बुन्देलखण्ड में ये डेगू बिमारी अपने पैर जमाए हुए हैं, लेकिन लोगों को इस बिमारी से बचाव के लिए कोई ख़ास जागरूकता नहीं फैलाई जा रही है।
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दोस्तों हमने अयोध्या और वाराणसी जिले से डेंगू से पीड़ित लोगों के साथ बातचीत की। लोगों ने बताया की उनके इलाकों में गंदगी का भंडार है। सफाई नहीं होती है। जगह जगह कूड़ा जमा है। नालियां और नाले गंदगी से बजबजा रहे हैं । इस गंदगी के कारण मच्छर पैदा होते हैं। शाम होते ही मच्छरों का झुंड लोगों के ऊपर हमला करते हैं और उसी के कारण लोगों को बीमारियां हो रही हैं। न तो यहां मच्छर की दवा का छिड़काव होता है न ही साफ सफाई होती है । सरकार सिर्फ स्वच्छता अभियान का ढिंढोरा कागजों तक सीमित रखें हैं।
तो दोस्तों आपने देखा डेंगू का बुलावा कौन दे रहा है। आपका ख़ून चूसने के लिए जो डंक तैयार किए जा रहे हैं उसमें किसका हाथ है। तो आप भी सतर्क रहिए अपने आस पास की सफाई खुद करिए अगर आपके मोहल्ले घर के आसपास कूड़ा का ढेर है नाला और नाली में गंदा पानी जमा है तो खुद में साफ करिए और खून चूसने वाले डंक को वहां पनपने मत दीजिए। ये काम आपको खुद करना होगा । सरकार के भरोसे मत बैठिए। क्योंकि कागजों में देश के हालात ठीक है लेकिन जमीनी हकीकत में तो इंसानों का खून ही चूसा जा रहा है।
दोस्तों जब डेंगू का प्रकोप के बारे में मैं लोगों का इंटरव्यू सुन रही थी और मैं बीस साल पहले के समय को पलट कर देख रही थी। हमारे उस जमाने में न तो इतनी गंदगी होती थी न ही इतने मच्छर। फिर भी उस जमाने की सरकार को इतनी चिंता होती थी कि बारिश खत्म होने के बाद शहर से लेकर गांवों तक हर घर में मच्छर की दवा का छिड़काव करवाया जाता था। एक एक सामान हटा कर दिवालो और कोने कोतरे में हर जगह दवा का छिड़काव होता था फिर इंसान आराम से साल भर बिना डर के जीता था । और आज के जमाने में इतना कूड़ा करकट गंदा पानी का हर जगह जमावड़ा है सरकार के पास इतना बजट है सफाई का इतना प्रचार है फिर भी गंदगी खत्म नहीं होती। मच्छरों की दवा का कभी भी छिड़काव नहीं होता है और लोग डर के माहौल में लोग जी रहे हैं।
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क्या अयोध्या और वाराणसी के लोग डेगू के चपेट से बच पाएगें। क्या सरकार को इनकी चिंता है। मौसम बदलते ही बीमारियां भी अपना कब्जा जमा लेती हैं। ये दोनों जिले में डेंगू का डंक सरकार की पोल खोल चुका है और चुनौती भी दे रहा है। डाक्टरों के अनुसार गंदगी के कारण डेंगू मच्छर पनपता है और उसी मच्छर के काटने से लोगों को डेंगू बीमारी होती है। और ये बीमारी जान लेवा भी होती है। शरीर का खून पानी हो जाता है अगर सही इलाज न मिला तो तो लोगों की मौत भी हो जाती है।
तो दोस्तों अगर आपके आस पास में भी डेंगू के चपेट में लोग हैं तो हमें लिख भेजिए हम आपकी आवाज को सरकार तक और विभागों तक पहुंचाएंगे। अगर ये शो पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर से सेयर करें। अगले एपीसोड में मैं फिर मिलूंगी कुछ करारी बातों के साथ तब बने रहिए मेरे साथ, नमस्कार।
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