जिला बांदा, नरैनी तहसील के पथरा गांव के लोगों ने तहसील दिवस में एक ज्ञापन देकर मांग की है कि उनके पट्टे की ज़मीन को नापा जाए और उन्हें उनका हक दोबारा मिले। लोग कह रहे हैं कि 2012 में गांव के पूर्व ग्राम प्रधान ने गरीब और भूमिहीन 18 लोगों के नाम पट्टे किए थे, लेकिन उन्होंने इसके प्रमाण की कोई प्रतिलिपि नहीं दी थी। बाद में पता चला कि पट्टे खारिज हो गए थे और इसलिए उन्होंने इसे ध्यान में नहीं रखा। हालांकि, एक साल पहले ही उन्हें पता चला कि उनके पट्टे खारिज नहीं हुए हैं और वह पट्टे किसी दूसरे के नाम हैं। इसके बाद से वे न्याय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पट्टे को नापा जाना चाहिए और उन्हें उसे प्राप्त करने का मौका दिया जाना चाहिए ताकि वे लोग उसमें फसल उगा सकें और अपना जीवन चला सकें।
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आगे कहा, उनके पास 2-2 बीघे के पट्टे थे और वे गरीब हैं। अगर वे हर साल वहां 2 बीघे की फसल उगाते, तो उनके लिए वे पूरे साल के लिए पर्याप्त खाने की व्यवस्था कर सकती थी। उनके पास कोई भूमिहीन क्षेत्र भी नहीं है, जहां पट्टे की ज़मीन थी। उन्हें उस जमीन पर कब्जा भी नहीं मिला इसलिए वे यहां और वहां भटक रहे हैं। तहसील में ज्ञापन देकर भी इसी मांग के लिए आए हैं। वे इसके बिना अपने हक की सुनवाई की उम्मीद नहीं रखते हैं, और वे इससे आगे नहीं बढ़ेंगे। हालांकि, वे चाहते हैं कि जब सरकार ने उन्हें इस जमीन को दिया है, तो उनका हक उन्हें पुनः प्राप्त कराया जाए।
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लेखपाल सुशील पटेल ने ऑफ कैमरा बताया है कि उनके पास अभी तक कोई ऐसी एप्लीकेशन नहीं आई है जिसके माध्यम से वह तहसील दिवस में आवेदन प्राप्त कर सकें। यदि कोई एप्लीकेशन आएगी, तो उन्हें उस एप्लीकेशन की जांच करनी होगी और यदि वहां पर पट्टे हैं, तो उन्हें नाप करके उनका कब्जा करेंगे।
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