शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुई हाथापाई के दौरान कम से कम 20 पुलिसकर्मी और 80 वकील घायल हो गए। एक पार्किंग मुद्दे पर कुछ वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच बहस हुई और बाद में सब आक्रोशित हो गये| बारह मोटरसाइकिलें, एक जिप्सी, आठ जेल वैन जो लॉकअप के बाहर थीं, उन्हें ध्वस्त कर दिया गया। कुछ वाहनों में आग भी लगा दी गई।
शनिवार को दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा, “विरोध में, बड़ी संख्या में तीस हजारी कोर्ट के वकील लॉक अप के पास इकट्ठे हुए। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि वकीलों ने जबरदस्ती लॉक अप में प्रवेश किया और पुलिस अधिकारियों को चकमा देना शुरू कर दिया।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को बेरहमी से पीटा जो अधिवक्ताओं को समझाने की कोशिश कर रहे थे | पुलिस ने अपने बयान में यह भी बताया कि उन्होंने कुछ पुलिस वाहनों में भी आग लगा दी। इसके बाद आत्मरक्षा के लिए पुलिस को हवा में निशाना बनाने के लिए गोलीबारी का सहारा लेना पड़ा | दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में यह बताया कि “वाहनों को जलने से धुंए से अंडर ट्रायल कैदियों को घुटन महसूस होने लगी।
उसके बाद सभी अंडर ट्रायल कैदियों को तिहाड़ जेल में भेजा गया और बहुत प्रयासों के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया गया,” दिल्ली पुलिस धार्मिक मनमुटाव को भुलाने के लिए दिल्ली पुलिस ने आयोजित किया क्रिकेट मैचने आगे कहा। तीस हजारी में हुई घटना की जांच का आदेश दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने जांच SIT क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।
4 नवंबर को निचली अदालतों के वकील हड़ताल पर रहेंगे। वे तीस हजारी घटना के बारे में पुलिस आयुक्त और गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन भी देंगे|
बार काउंसिल दिल्ली के चेयरमैन के. सी. मित्तल ने कहा, “हम तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करते हैं।”
के. सी. मित्तल ने यह भी कहा कि “एक वकील गंभीर है। एक वकील को लॉकअप में पीटा गया। उनका कहना उन पुलिस वालों को बर्खास्त किया जाना चाहिए और मुकदमा भी चलाया जाना चाहिए जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है” |