दिल्ली जहांगीरपुरी हिंसा मामले में आज 7 आरोपियों को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया। वहीं हिंसा के मुख्य साज़िशकर्ता अंसार को भी पुलिस द्वारा गिराफ्तार कर लिया गया है।
दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बीते 16 अप्रैल को हनुमान जयंती की शोभा यात्रा के दौरान दो समुदायों में झड़प हो गयी। लड़ाई इतनी बढ़ी की हिन्दू व मुस्लिम समुदाय के बीच हुई झड़प ने साम्प्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया। इसके साथ ही यूपी में भी हाई अलर्ट ज़ारी कर दिया गया है। पुलिस ने कई शहरों में शान्ति बनाये रखने के लिए फ्लैग मार्च भी किया।
पुलिस द्वारा 7 आरोपियों को आज रोहिणी अदालत में पेश किया गया। वहीं 14 आरोपियों को रविवार, 17 अप्रैल को दिल्ली अदालत में पेश किया गया था जिसमें से 12 आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
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क्राइम ब्रांच पर हुआ पथराव
वेबइंडिया123 की 18 अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, जब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम आज जहांगीरपुरी के C-ब्लॉक में जांच के लिए पहुंची तो वहां पर कुछ लोगों द्वारा उन पर पथराव किया गया।
क्राइम ब्रांच कर रही जांच
जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच क्राइम ब्रांच द्वारा की जा रही है। इसके लिए क्राइम ब्रांच की 14 टीमें बनाई गयी हैं। वहीं जहांगीरपुरी इलाके के अलावा अन्य संवेदनशील इलाकों में भी सुरक्षाबल तैनात है। जब तक माहौल सामान्य नहीं होता तब तक अधिकारी फील्ड पर रहेंगे।
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जहांगीरपुर हिंसा मामले का मुख्य ‘साज़िशकर्ता’
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, 35 साल का अंसार शनिवार को हुए जहांगीरपुरी हिंसा मामले का मुख्य साज़िशकर्ता है। वहीं अन्य आरोपी असलम ने सब-इंस्पेक्टर के ऊपर गोली चलाई थी। अंसार और असलम को दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। इससे पहले उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था।
अंसार मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर काम करता था। वहीं अंसार की पत्नी का कहना है कि उसका पति निर्दोष है। वह किसी हिंसा का हिस्सा नहीं है।
समुदायों द्वारा एक-दूसरों पर पथराव के अलावा कुछ गाड़ियों में आग लगाने की घटना सामने आई थी। इस घटना में पुलिस द्वारा 2 नाबालिगों को भी गिरफ़्तार किया गया है। (टाइम्स नाउ की 18 अप्रैल 2022 की रिपोर्ट)
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बहस से पथराव पर पहुंचा मामला
हिंसा में गोली लगने से घायल हुए सब इंस्पेक्टर मेधालाल ने मीडिया को बताया कि पुलिस ने शुरू में ही सब शांत कर दिया था लेकिन सी-ब्लॉक के एक समूह ने पथराव करना शुरू कर दिया और सुरक्षाकर्मी पर भी गोली चला दी।
वहीं एफआईआर के अनुसार बताये जा रहे साज़िशकर्ता का हनुमान जयंती की शोभा यात्रा में जुड़े लोगों से तर्क-वितर्क हुआ था। बहस ज़्यादा आगे बढ़ने से पथराव शुरू हुआ।
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जहांगीरपुर हिंसा मामले में दिल्ली कमिश्नर का बयान
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में सोमवार, 18 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस की। पुलिस कमिश्नर ने कहा, लोग सोशल मीडिया के ज़रिये शांति भंग करने की कोशिश कर रहें हैं। हम सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रख रहें हैं और गलत सूचना फ़ैलाने वालों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की जायेगी। जनता अफवाहों पर ध्यान न दें।
आगे कहा, पिछले हिस्से में जो लोग मौजूद थे, उनके साथ वहां पर खड़े लोगों के साथ टकराव हुआ और पथराव शुरू हुआ। हिंसा में 9 लोग घायल हुए जिनमें 8 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। मामले में अब तक 23 लोग गिरफ़्तार हुए हैं। सोशल मीडिया की वीडियो फुटेज की जांच की जा रही है।
मामूली विवाद बनी हिंसा – पुलिस कमिश्नर
पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा कि मामले में हर एंगल से जांच की जायेगी। इस हिंसा में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल किसी भी व्यक्ति को नहीं छोड़ा जाएगा। वहीं मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने वाले मामले में कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। विवाद मामूली बात से शुरू हुआ था बाद में हिंसा में तब्दील हो गया।
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जहांगीरपुरी हिंसा में इन लोगों की हुई गिरफ़्तारी
दिल्ली पुलिस द्वारा जहांगीरपुरी में रहने वाले सुकेन के पुत्र सूरज (21), नीरज (19), सुकेन (45), सुरेश (43), सुजीत सरकार (28), जाहिद (22), अंसार (35). शहजाद (33), सलीम उर्फ़ चिकना (36), मुख्तियार अली (28), आमिर (22), अकसर (26), नूर आलम (28), मोहम्मद असलम (22), जाकिर (22), अकरम (22), इम्तियाज (29), मोहम्मद अल (27), आहिर (35), मोहम्मद अली सेख (22) व शेख सौरभ (42) को गिरफ़्तार किया गया है।
पुलिस द्वारा पकड़े गए सभी आरोपियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालना, ड्यूटी के दौरान हमला, मारपीट, आगजनी, जानलेवा हमला, आपराधिक षड्यंत्र और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज़ किया है।
दिल्ली से जुड़े जिलों व हापुड़, नॉएडा आदि जगहों पर यूपी सरकार द्वारा हाई अलर्ट कर दिया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों पर नज़र रखने को कहा गया है। वहीं पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसा देश की सांप्रदायिकता और अखंडता पर सबसे बड़ा सवाल खड़ा करती है।
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