खबर लहरिया Blog नॉन-वेज खाने को लेकर जेएनयू परिसर में 2 छात्र समूहों में भिड़ंत, हिन्दू-मुस्लिम पर हो रहा विवाद

नॉन-वेज खाने को लेकर जेएनयू परिसर में 2 छात्र समूहों में भिड़ंत, हिन्दू-मुस्लिम पर हो रहा विवाद

जेएनयू हिंसा मामले में एबीवीपी व जेएनयू के तकरीबन 16 छात्रों को चोटें आईं।

credit – News Nation

जेएनयू हिंसा मुद्दा नॉन-वेज खाने और पूजा में बाधा से बढ़कर अब फिर से हिन्दू-मुस्लिम पर आकर खड़ा हो गया है। 10 अप्रैल को जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में रामनवमी की पूजा रखी गयी थी। यह सुनने में आया कि कावेरी हॉस्टल में दो छात्र समूहों के बीच भिड़ंत हो गयी। वह इसलिए क्यूंकि हॉस्टल में रामनवमी के दिन नॉन-वेज परोसा जा रहा था। वहीं दूसरे समूह ने पूजा में बाधा डालने का आरोप लगाया। यह भी बताया गया कि रविवार के दिन मेन्यू के अनुसार हमेशा नॉन-वेज बनता है इसी वजह से 10 अप्रैल को भी नॉन-वेज बना था।

जब यह खबर कैम्प्स से बाहर आई तो मुद्दा सिर्फ नॉन-वेज खाने और पूजा में अड़चन को लेकर नहीं था। मुद्दा यह बन गया था कि मुस्लिम हिन्दुओं को पूजा करते हुए नहीं देख सकते। वह उनकी पूजा भंग करना चाहते हैं। हिन्दू मुस्लिमों के रहते हुए अपने त्यौहार नहीं बना सकते। ऐसे बातों से ट्विटर भरा हुआ था। वहीं कुछ ट्विटर यूज़र्स ने हिजाब विवाद को भी इस मुद्दे से जोड़ा कि किस तरह से मुस्मिल समुदाय के “फ्रीडम ऑफ़ चॉइस” को दबाया जा रहा है।

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जेएनयू हिंसा : “फ़ूड चॉइस” और “ब्राह्मणवाद” मुद्दा

जेएनयू हिंसा मामले में “फ़ूड चॉइस” और “ब्राह्मणवाद” मुद्दा भी सामने निकलकर आया। फ्रेटर्निटी मूवमेन्ट ने ट्वीट करते हुए लिखा, वह 10 अप्रैल 2022 को हुई घटना की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें एबीवीपी द्वारा छात्रों को नॉन-वेज खाने से रोका गया। इसमें ब्राह्मणवाद, सवर्ण समाज जैसे बातें भी लिखी गयी और कहा कि ब्राह्मणवाद ने कभी-भी खाने और पहनावे में भिन्नताओं को पसंद नहीं किया जैसे की हिजाब मामले में देखा गया।

पूजा होना पचा नहीं पाये वामपंथी – बीजेपी कार्यकर्ता

बीजेपी कार्यकर्ता प्रीती गांधी में लिखा, “असल बात तो यह है कि वामपंथी यह बात पचा नहीं पाए कि रामवनमी जैसे शुभ दिन पर जेएनयू कैम्प्स के अंदर छात्रों द्वारा पूजा की जा रही है। उनसे देखा नहीं गया।”

नॉन-वेज खाने व पूजा को लेकर एक-दूसरे पर लगाया आरोप

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जेएनयूएसयू ने आरोप लगाते हुए कहा कि एबीवीपी के सदस्यों ने हॉस्टल मेस में छात्रों को नॉन-वेज खाने से रोका और हिंसा का माहौल बनाया। वहीं एबीवीपी ने इस आरोप को गलत ठहराते हुए कहा कि रामनवमी पर छात्रों ने हॉस्टल में पूजा का आयोजना किया था जिसमें ‘लेफ्टिस्ट यानी वामपंथियों’ द्वारा अड़चन डाली गयी थी।

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जेएनयू हिंसा मामले में 16 छात्रों को आई चोटें

एनडीटीवी की 11 अप्रैल 2022 की रिपोर्ट के अनुसार नॉन-वेज खाने के मामले में तकरीबन 16 लोगों को चोटें आई और कुछ छात्रों पर एफआईआर भी दर्ज़ की गयी। दिल्ली पुलिस के अनुसार आज सुबह जेएनयूएसयू, एसएफआई, डीएसएफ और आइसा के सदस्यों द्वारा अज्ञात एबीवीपी छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज़ करवाया गया।

इन धाराओं के तहत मामला हुआ दर्ज़

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा मामले में एफआईआर धारा 323 (अपनी इच्छा से चोट पहुँचाना), धारा 341 (गलत तरीके से रोकना),धारा 509 ( शब्द, गलत इशारे से महिला की आत्मीयता को चोट पहुंचाने का इरादा). धारा 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 34 (कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत दर्ज़ की गयी। अधिकारीयों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, “आगे सबूत इकठ्ठा करने और दोषियों की पहचान के लिए जांच ज़ारी है।”

डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पलिस (दक्षिण पश्चिम) ने बताया कि एबीवीपी के सदस्य भी आज शिकायत दर्ज़ करायेंगे।

इसके आलावा दोनों तरफ के छात्रों ने एक-दूसरे पर पत्थर फेंकने का आरोप लगाया जिसमें दोनों ही तरफ से छात्रों को चोटें आईं। इसके बाद घायल छात्रों को पास के अस्पताल में लेकर जाया गया।

एबीवीपी की छात्रों की मानें तो उन्हें नॉन-वेज खाने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उनके अनुसार वामपंथियों द्वारा रामनवमी की पूजा में अड़चन डाली गयी थी। जिस वजह से समूहों में हिंसा की समस्या पैदा हुई। अब असल में हिंसा नॉन-वेज खाना परोसे जाने की वजह से भड़की या जैसा आरोप है कि रामनवमी पूजा को लेफ़्टिस्ट द्वारा रोका गया, यहां से भड़की यह साफ़ नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है लेकिन अन्य लोगों ने इस मुद्दे को हिन्दू-मुस्लिम वाला मुद्दा ज़रूर से बना लिया है। क्या इसी भिन्नता को लोग कहते हैं कि उन्हें विविधता वाले भारत पर गर्व हैं? आप कहीं सिर्फ दिखावा तो नहीं कर रहें विविधता को अपनाने का?

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