खबर लहरिया क्राइम पुलिस प्रशासन द्वारा हिस्ट्रीशीटर करार किए गए आशीष सागर से ख़ास बातचीत

पुलिस प्रशासन द्वारा हिस्ट्रीशीटर करार किए गए आशीष सागर से ख़ास बातचीत

बांदा शहर बिजली खेड़ा निवासी आशीष सागर दीक्षित को पुलिस प्रशासन द्वारा हिस्ट्रीशीटर करार करने का मामला अब हाईकोर्ट में चल रहा है। उन्होंने खबर लहरिया को इस मामले की पूरी कहानी कुछ इस तरह बताई।

वह बताते हैं कि कई सालों से वह आरटीआई कार्यकर्ता होने के साथ-साथ पत्रकारिता के चलते ऐसे मुद्दों पे बात करते हैं जिनको मीडिया और प्रशासन हमेशा पर्दे में रखना चाहती है। उन्होंने अवैध खनन और भू-माफियाओं जैसे मुद्दे पर काफी रिपोर्टिंग की है इसके साथ ही और ऐसे मुद्दे जो मुख्य धारा समाचारों की नजर से बहुत दूर होते हैं।

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यह बात प्रशासन, राजनैतिक और भूमाफिया के लिए हमेशा से खटकती रही है। उन्होंने ठाना है कि वह ऐसे ही मुद्दों को उठाकर सरकार और प्रशासन की नजर तक ले जाना चाहते हैं। बहुत रोका गया उनको, हर तरह से दबाव आए और आ रहे हैं शायद आगे भी आते रहेंगे उनको इन सब मुद्दों में बात न करने के लिए लेकिन उन्होंने भी ठान लिया है कि अगर उन्होंने भी इन मुद्दों को छोड़ दिया तो कौन उठाएगा ये आवाजें? उन्होंने कई बार आंदोलन, धरना प्रदर्शन किया है उनके साथ जनता की आवाजें भी शामिल हैं।

आशीष सागर और भी बताते हैं कि मुझे पुलिस ने अब हिस्ट्रीशीटर बना दिया है। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर की आख्या दिनांक 9 जनवरी 2022 द्वारा मुझे बताया गया कि आशीष सागर दीक्षित निवासी बिजलीखेड़ा वनविभाग एक अपराधी प्रवृति का व्यक्ति है जो आये दिन निर्बल वर्ग के व्यक्तियों को मारपीट एवं गाली गलौच करके जनता में भय एवं आतंक का वातावरण उत्तपन्न करता है।

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उसके भय से उसके विरुद्ध कोई भी व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने व साक्ष्य देने का साहस नहीं करता है। जनहित में उसका स्वतंत्र रहना उचित नहीं है। इस मामले से मेरा पूरा परिवार आहत है। बूढ़े मां बाप परेशान रहते हैं। इस आड़ में पुलिस जब काफी परेशान करने लगी और आय दिन मेरे घर मेरी मौजूदगी या गैर मौजूदगी में भी जाने लगी तो फिर उन्होंने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनका मामला अदालत में चल रहा है। अब कोर्ट से न्यायिक कार्यवाही की उम्मीद कर रहे हैं।

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