क्षेत्र के उम्मीदवार के नाम पर नहीं बल्कि प्रधानमन्त्री के काम पर मांगे जा रहे हैं वोट :
भाजपा के स्टार प्रचारक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समय ( 1 फरवरी से 4 फरवरी )दिल्ली में हैं. क्योकि दिल्ली विधानसभा चुनाव का अंतिम चरण चल रहा है. इस चार दिन में कुल 16 जनसभाएं हुई. ऐसा पहली बार हुआ जब किसी दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री किसी अन्य राज्य के चुनाव प्रचार में जुड़े हो.
मैं 3 फरवरी को दिल्ली के मेहरौली जनसभा में गई थी. जो अनुभव किया वो इस प्रकार हैं. जितना प्रचार किया जा रहा है जनसभा में इतने हज़ार की भीड़ उमरी वैसा कुछ नहीं था मुश्किल से150 – 250 लोग थे जो भाजपा के समर्थक थे. कुछ लोगों को तो पता भी नहीं चला की योगी आदित्यनाथ कब आये और कब चले गए पता ही नहीं चला. अगर मुद्दों की बात करें तो धारा 370, 3 तलाक और नागरिकता कानून के आलावा सिर्फ आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की नाकामी गिनाई गई। यहाँ तक की निर्भया के के आरोपियों के फ़ासी में देरी की वजह भी आम आदमी पार्टी की सरकार को बताया.
हमने जब वहां उपस्थित कुछ स्थानीय लोगों से बात की तो उनके अनुसार दिल्ली में लगभग 80 प्रतिशत लोग प्रवासी (दूसरे राज्य के लोग जो लिए आये है) है. कई सरकार आई पर इनके लिए कोई कुछ नहीं करता। बिहार से काम की तलाश में दिल्ली आये रविंद्र यादव ने बताया कि मैं पिछले 15 साल से दिल्ली में हूँ किराए के मकान में रहता हूँ. केजरीवाल ने बिजली और पानी फ्री किया लेकिन इससे किरायेदारों को क्या हम तो हर महीने बिजली और पानी के पैसे देते है. योगीजी ने क्या आश्वाशन दिया इसके जवाब में बोला कोई गरीबो के लिए नहीं होता चाहे कोई भी पार्टी हो. योगी जी ने भी कोई जमीनी मुद्दे की बात नहीं की तो हम उनसे क्या उम्मीद करें वो तो वैसे भी किसी दूसरे राज्य से सिर्फ भाषण देने आये हैं।
तो वहीँ भाजपा समर्थक कमल पंचाल ने बताया योगी आदित्यनाथ जी हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करेंगे।उनके मुद्दे क्या है तो उनका कहना था ट्रिपल इंजन की सरकार होगी मतलब केंद्र राज्य और एनसीबी में भाजपा की सरकार होगी तो दिल्ली का विकास होगा। योगी जी ने उत्तर प्रदेश का नाम दुनिया में उजागर किया। चाहे वो कुम्भ हो या राम मंदिर योगी जी ने सब कर दिखाया।
अपने अनुभव से हम बताएं तो उत्तर प्रदेश के विकास की बात करें तो आज लोग मुलभुत सुविधाओं से वंचित है. सड़के आवास यहाँ तक की पानी के लिए भी महिलाओं को मीलों दूर चलना पड़ताहै। यूपी की अराजकता किसी से छिपी नहीं है. खास बात तो ये था कि कोई भी जमीनी मुद्दा नज़र नहीं आया जो वो दिल्ली की जनता के लिए करना चाहते हैं। मुद्दे से याद आया अब तक भाजपा का कोई भी ऐसा चेहरा नज़र नहीं आ रहा जो दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने का दावेदार हो. हर बार की तरह इस बार भी वोट उस क्षेत्र के उम्मीदवार के नाम पर नहीं बल्कि प्रधानमन्त्री के काम पर मांगे जा रहे हैं.प्रधानमन्त्री के नाम पर प्रचार हो रहा है