खबर लहरिया औरतें काम पर ललितपुर : यौन उत्पीड़न झेल चुकी महिलाओं को बनाऊँगी आत्मनिर्भर- दीपाली, कोशिश से कामयाबी तक

ललितपुर : यौन उत्पीड़न झेल चुकी महिलाओं को बनाऊँगी आत्मनिर्भर- दीपाली, कोशिश से कामयाबी तक

छोटी-छोटी कोशिश से लोग ऊंचाइयों के शिखर तक पहुँच जाते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता। ऐसी ही कहानी है सोसाइटी फॉर प्रगति भारत की कार्यकर्ता दीपाली की। ललितपुर में 2007 से काम कर रही हैं।

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Deepali of Lalitpur district helping women who have faced sexual harassment to become self-reliant

दीपाली कहती हैं बुन्देलखण्ड में मैं लगभग 20 साल से काम कर रही हूं। यहां महिलाओं को निर्णय लेने के लिए शामिल नहीं किया जाता है। वो फैसले नहीं ले सकती। फैसले लेने निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ पुरुषों को होता है। मैंने देखा है ये सब छोटी-छोटी नाबालिग बच्चियों के साथ रेप हो रहा है, समाज, परिवार उन बच्चियों को ही जज करता हैउसी के चरित्र पर सवाल उठाए जाते हैं।

Deepali of Lalitpur district helping women who have faced sexual harassment to become self-reliant

                  दीपाली को अपने कार्य के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है

समाज के ठेकेदार रेप सर्वाइवर को ही दोषी मानते हैं जो बच्ची रेप का मतलब भी नहीं जानती वो भी चरित्रहीन कहलाती है। लोग मदद के लिए तो नहीं आते लेकिन जजमेंट सुनाने ज़रूर आ जाएंगे। कानूनी तौर पर तो सेक्स वर्कर भी अगर कहती हैं कि उनके साथ रेप हुआ है तो किसी को ये कहने का अधिकार नहीं की उसे कहें की वो सेक्स वर्कर है क्योंकि बिना मर्जी सेक्स करना रेप के दायरे में आता है।

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बस मैं ऐसी ही महिलाओं को जागरूक करती हूं उनकी मदद करती हूं। जिसमें मुझे ज्यादा नहीं तो 10 प्रतिशत बदलाव दिखाई दिया। बच्चों के लिए मैं चाइल्ड लाइन में जुड़ कर काम कर रही हूं तो मैं कामयाब तो नहीं कहूंगी लेकिन हाँ काफी हद तक कामयबई तक पहुँच गई हूँ।

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