देखा जाए तो बुन्देलखंड में अब ऐसी कोई भी चीज़ नहीं बची है जो यहाँ न पाई जाती हो। यहाँ की प्राकृतिक खूबसूरती और संस्कृति पूरी दुनिया जानती है। हमीरपुर जिले के रहने वाले सूरज सिंह वैसे तो पेशे से अध्यापक है साथ ही वह खेती-बाड़ी में भी काफी रुचि रखते हैं। उन्होंने एक ऐसी चीज को यहाँ की मिट्टी में उगा दिया जिसके बारे में गाँव के रहने वाले लोग सोच भी नहीं सकते। उस बीज की खास बात यह है कि उसकी खेती ठंडी जगह में होती है जिसका नाम है “स्ट्रॉबेरी।” इसे हिंदी में ‘झरबरी’ भी कहते हैं। यह फल ज़्यादातर गर्मियों के मौसम में शहरों में बिकते हुए आपको नजर आ जायेंगे।
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सूरज सिंह के पिता को खेती का शौक था जिससे प्रेणा लेकर सूरज भी खेती में अपना बाकी का समय व्यतीत करने लगे। स्कूल से आने के बाद रोज़ाना कुछ देर के लिए खेत में चले जाते और फलों-पौधों की देखभाल करते। उनका कहना है कि उनके पिता जी एक बार मध्यप्रदेश गए हुए थे। उन्होंने वहां पर स्ट्रॉबेरी की खेती पहली बार देखी और वह 10 रूपए का एक पौधा यहाँ लेकर आये। जब इन्होंने यह पौधा लगाया तो वह आसानी से लग गया और उन्होंने सोचा कि अब इसकी खेती की जाएगी। एक पौधे से कम से कम 3 किलो तक स्ट्रॉबेरी निकलती है और उससे इन्हें लगभग 400 रूपए तक का मुनाफ़ा मिल सकता है और लोग भी इसे खूब पसंद कर रहें है।
स्ट्रॉबेरी दिखने में जितना आकर्षित लगता है उतना ही खाने में भी स्वादिष्ट भी होता है। इसका खट्टा-मीठा स्वाद लोगों को खास करके बच्चों को भी खूब पसंद आता है। साथ ही इसकी खुशबू भी मन को लुभा देती है। इतना ही नहीं, स्टॉबेरी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व जैसे विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, फोलेट, मैग्नीशियम और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। यह शरीर में होने वाली कई समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। वज़न कम करने से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव करने में भी यह फल मददगार होता है।
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