खबर लहरिया ताजा खबरें गाय सिर्फ चुनाव प्रचार का मुद्दा है जिम्मेदारी नहीं? देखिए द कविता शो, एपिसोड 82

गाय सिर्फ चुनाव प्रचार का मुद्दा है जिम्मेदारी नहीं? देखिए द कविता शो, एपिसोड 82

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बुन्देलखण्ड में बिकराल गर्मी पड़ रही है ऐसी तपती गर्मी और लू और धूप में अन्ना जानवरों के हालात बहुत ही खराब हैं न तो अन्ना जानवरों को खाने के लिए चारा दिया जा रहा है न ही पीने का पानी धूप से बचने के लिए  छाया की  कोई व्यवस्था है गायों के इतने बुरे हालात हो गये हैं कि उनको देख कर तरह आती है चारा भूषा और पानी न मिलने की वजह से जो गाय एक जगह बैठ गई हैं वो उठ नहीं पा रही हैं और उसी जगह में अपना दम तोड रही हैं ये यूपी की भगवा सरकार कोई सुध नहीं ले रही है गायों की गौशाला के अन्दर सैकडो गाय दम तोड रही हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है

जब में बाँदा से चित्रकूट बस से३ जाति हूँ तो देखती हूँ  की गायो की कितनी बुरी स्थिति है कई जगह पर गायो को सडक के किनारे तार का घेराव कर के बांधा गया है बाँदा के  तुर्रा और और चित्रकूट के मन्दाकिनी  नदी के किनारे तारो के घराव करके जानवर बेड़े गये हैं मन्दाकिनी नदी वाले जानवरों को पिने का पानी मिल जाता होगा लेकिन तुर्रा के पास जो जानवर हैं उनके पास न तो खाने का है न ही पीने का पानी है हमने कई गौशाला की रिपोर्टिंग की है साथियो जानवरों के इतने बुरे हाल मेने कभी नही देखा है जितना इस भगवा सरकार में देखा है अप्रैल का महीना है बुन्देल खंड का तापमान 45 से 47 डिग्री तक दर्ज किया गया तेज धूप तपती धरती और गर्म हवा में गोशाला के अंदर गाये तडप रही हैं लोगों को देख कर जीभ निकाल रही है ताकि उनको कोइ एक बूद पानी दे दे मुह फाड कर चिल्ला रही हैं ताकि कोइ चारा दे दे लेकिन कौन देगा ? अधिकारी तो अपने कमरे के ठंडी ऐसी में बैठे है उनको क्या फर्क पड़ता

जाके पाँव न फटी बेवाई का जाने व पीर पराई पिछले बार के चुनाव  का  भाजपा का में एजेन्डा था गौ रक्षा इसके नाम पर भाजपा ने खूब वोट बटोरे हैं और जीतने के बाद गायों ऐसी दुर्दसा हुई है जिसको मैंने अपने जिंदगी में कभी नहीं भूल पाउगी

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना तिसरा बजट पेश किया है। जिसमें उन्होंने खासकर बुन्देलखण्ड में हो रही अन्ना प्रथा को दुर करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र गौशाला के लिए 247.60 करोड़ और शहरी क्षेत्र गौशाला के लिए 200 करोड़ रुपए आवंटित किया है। लेकिन इस बजट से भी अन्ना प्रथा दुर होने कि लोगों को कोई खास उम्मीद नहीं है।

बाँदा जिले के दशरथ पुरवा गांव के लोगों का कहना है कि वह लोग अपनी फसल बचाने के लिए रातो दिन एक किये  हैं। इसके बाद भी नहीं बचा पा रहे। गुस्साए किसानों ने 9 फरवरी को तो गांव के स्कूल में अन्ना जानवरों को लेकर बंद कर दिया था और फिर 100 नंबर पुलिस आई थी तो उन्होंने स्कूल से निकाल दिया था और ये फैसला कराया था कि पचास जानवर दशरथ पुरवा में लोग रखें पचास मुगौरा प्रधान और पचास पिपरहरी प्रधान पर कोई नहीं रखा  और उनकी सारी फसल खा गये है  हैं। इस लिए उन्होंने गांव में चंदा कर के प्राइवेट गौशाला बनवाई है और उनको रखते। तो गावं वालो को कोई उम्मीद नहीं है सरकार के इस  बजट से इसके पहले भी कई बार गौशाला और अन्ना जानवरों के नाम पर बजट आवंटित हुआ लेकिन धरातल में कुछ नहीं है तो फिर सरकार क्यों नाटक करती है गौ रछा के नाम पर

 अब इस बार के लोकसभा चुनाव में गायों के बारे में  क्या बोलेगी बीजेपीलाखों रूपये का जो बजट भी भेजा गया है वो भी गायों के रखरखाव में नहीं लगाया गया है तो आखिर ये पैसा जायेगा कहांहमने चित्रकूट से एक स्टोरी की जिसमें कयी गाय गौशाला के अन्दर ही दम तोड दी तब जाकर चित्रकूट के डीएम को ख्याल आया और उन्होंने गायो के आने पीने और इलाज की व्यवस्था कराई लेकिन ये भी दो चार दिन के लिए ही था फिर से वही हाल है मैं तो कहती हूं इस सरकार को गयो की हाय लगेगी