खबर लहरिया कोरोना वायरस हर तरफ कोरोना की मार पर चलता रहे चुनावी बुखार

हर तरफ कोरोना की मार पर चलता रहे चुनावी बुखार

हर तरफ कोरोना की मार पर चलता रहे चुनावी बुखार….

मीरा– नमस्कार दोस्तों!! मैं हूँ मीरा देवी…

लक्ष्मी- और मैं हूं, लक्ष्मी शर्मा। हम एक बार फिर हाजिर हैं यूपी पंचायत का तड़कता भड़कता बुखार लेकर।

मीरा- हमारे शो चुनावी बुखार सावधान में एक बार फिर आपका बहुत बहुत स्वागत है। लक्ष्मी इस बार थोड़ा मैं हतास हूँ, कोरोना की स्थिति को लेकर। लगातार मौते हो रही हैं, लेकिन लोग पता नहीं क्यों मानने को तैयार नहीं हैं। बांदा की बात करूं तो यहां की बीजेपी कार्यकर्ता गीता सागर की कोरोना से मौत हो गई। वह पंचायत चुनाव की उम्मीदवार भी थीं। इत्तेफाक की नामांकन के दिन उनकी मौत की खबर आ गई। हमारे आसपास के कई लोगों की मौत हो गई। छोड़ो, लक्ष्मी कोरोना की चाहे जितनी बातें करें कम हैं।

लक्ष्मी- अभी कोरोना काल चल रहा है। लोग काम पर भले ही न जा पाए। लेकिन उन्हें वोट डालने की अनुमति जरूर है। आपको पता है ? कोरोना वायरस संक्रमण के कारण होम क्यारनटाइन या फिर अस्पताल में भर्ती लोग भी मतदान करेंगे। इसके लिए कोरोना संक्रमित व्यक्ति के परिजन को एक दिन पहले जिले में रिटर्निंग ऑफिसर को लिखित में जानकारी देनी होगी कि वो वोट डालेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार हर जगह पर मतदान से पहले संक्रमित वोटर को पीपीई किट पहनाकर वोट डलवाया जायेगा। इस दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट को भी पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा। संक्रमित के वोट डालने के बाद उस पूरे कमरे को सैनिटाइज किया जाएगा।

मीरा- अच्छा…..।

लक्ष्मी- पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में प्रदेश के 18 जिलों में 69541 ग्राम पंचायत सदस्य, 85 ग्राम प्रधान, 550 क्षेत्र पंचायत सदस्य और एक जिला पंचायत सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। इतना ही नहीं इटावा के जसवंत नगर में तो हद ही हो गई। वहां एक ही परिवार से पूर्व ब्लॉक प्रमुख अनुज यादव की पत्नी डॉक्टर अंजली यादव, पिता डॉ. ब्रजेश चंद्र यादव, माता संतोष यादव, चाचा राजपाल यादव निर्विरोध बीडीसी सदस्य चुने गए हैं। इनके अलग-अलग वार्डों से क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाने से यह तय माना जा रहा है कि अनुज यादव एक बार फिर से ब्लॉक प्रमुख बन सकते हैं। आपको बता दें कि जसवंत नगर मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव का विधानसभा क्षेत्र है। ये परिवार शिवपाल के बेहद करीबी हैं। अच्छा, हम थोड़ा अपने जिलों की बात करें? मतलब, महोबा और अयोध्या की। आपने रिपोर्टिंग तो देखी होगी ना ?

मीरा- हां, मैंने देखा। हमारे रिपोर्टर भी सुबह से ही पहुंच गए थे, मतदान स्थल। श्यामकली, महोबा तो कुमकुम अयोध्या। क्या जबरजस्त सीन उन्होंने दिखाया था।

महोबा में मतदान बूथ पर इतनी बुजुर्ग महिला आई थी, वोट डालने की उसको एक व्यक्ति पकड़े हुए था। वह दादी कमर से बिल्कुल झुक गई थीं। लेकिन वोट डालने का जज्बा तो देखो। वोट डालने के बाद हमारे कैमरे से रूबरू हुईं।

लक्ष्मी- अच्छा, ऐसे लोगों को हमने अपनी सटोरियों में ये कहते सुना कि वह प्रधान ये नहीं कर रहा वो नहीं कर रहा और फिर प्रधान को वोट देने के लिए आ गए। वो भी तकलीफों को नजरअंदाज करके। वोट डालना इतना जरूरी क्यों है, आपके लिए?

मीरा- लक्ष्मी, मुझसे पूंछ रहे हो? हमारी रिपोर्टिंग के इतने सालों को याद करो, कितने ऐसे उदाहरण हैं कि लोग वोट जरूर देते हैं। वह वाली खबर तुम्हीं ने तो एडिट की है बहेलिया समाज और आदिवासी लोगों की बस्तियों में कितना विकास होता है। लेकिन अगर वोट का समय आया तो उनको प्रदेश से बुला लिया जाता है। इस बार भी बुलाया गया है। इसी तरह समझ सकती हो कि लोगों को भला क्या मिलता होगा। वैसे एक बात तो है भाई! मतदान के प्रति जागरूक रहना है। वोट देना जरूर है।

लक्ष्मी- अरे हां! मुझे याद आया कि दूसरे चरण का मतदान आज है ना? सुबह से ही मैं देख रही हूँ कि हमारी रिपोर्टर मौके पर पहुंच गई हैं। वहां से लाइव हुआ है। फ़ोटो भेजें हैं। समझ में आ रहा है कि वहां का क्या माहौल है। क्यों न ललितपुर, चित्रकूट और वाराणसी रिपोर्टरों से बात की जाए ?

मीरा- लक्ष्मी, तीसरे और चौथे चरण का नहीं बताओगी? चलो, मैं ही बता देती हूं कि तीसरे और चौथे चरण का नामांकन हो गया। बांदा में नामांकन के समय हम कवरेज करने गए थे।

मीरा- ओह्ह लक्ष्मी, मैं बातों-बातों में भूल ही गई कि हमारा समय हो चला है अपने दर्शकों से विदा लेने का।

लक्ष्मी- तो दोस्तों चलते हैं। लेकिन हां चैनल सब्सक्राइब जरूर करिए। लाइक करिए और कमेंट तो जरूर से जरूर करिए, अगर चुनावी बुखार सुनना है तो।

मीरा- एक और जरूरी सूचना कि हमको मिलकर कोरोना को दूर भगाना है। जरूरी काम हो तो तब ही घर से निकले। मास्क और सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। सामाजिक दूरी बनाकर खुद को सुरक्षित रखें और दूसरों को भी।

लक्ष्मी- चलें फिर ?

मीरा- हां चलो न, तुम्हारा मन नहीं है क्या जाने का? सच में, लक्ष्मी मेरा भी मन नहीं है। लेकिन जाना तो पड़ेगा।

लक्ष्मी- अगले हफ्तें हम फिर हाज़िर होंगे, चुनाव का बुखार लेकर। तब तक के लिए सभी को नमस्कार!!