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धर्म परिवर्तन लालच नहीं, इशू के प्रति प्रेम है

धर्म परिवर्तन लालच नहीं, इशू के प्रति प्रेम है लोग धर्मपरिवर्तन करते हैं या तो प्यार मे या लालच मे अक्सर ये देखने को बडे शहरो मे मिलता है , और धर्मपरिवर्तन लडकी को ही ज्यादातर करना पडता है वो किसी भी जाती से हो अगर अपने से दुसरे समुदाय के लडके से प्यार करती है या शादी करती है तो उसे लडके के समुदाय मे आना पडता है |

उनके रितिवाज उनके त्योहार करने पडते हैं चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लाक के गांव दिदुरहा मे लगभग 20 घर हैं जिनके पूर्वजों ने हिन्दू धर्म से क्रिस्चन धर्म को अपनाया था था पूर्वज तो अब नहीं रहे आज भी वहां लगभग 12 हैं और लोग रोजगार के लिए गांव से कही और जाकर रहने लगे लेकिन क्रिस्चन धर्म मे हैं |

आज भी वहां के क्रिस्चन धर्म मे रह रहे लोगों ने बताया हमारे बुजुर्ग हमे बताते थे उस गांव मे पहले कोई नहीं था उनके परिवार के लोग ही थे उन लोगों को क्रिस्चन धर्म अछ्छा लगा और उन्होंने इस धर्म को अपना लिया हमे भी ये धर्म अछ्छा लगता है रही बात की उस समय हमारे पूर्वजों ने क्यों धर्मपरिवर्तन किया लालच मे दबाव मे ये हमे नहीं बताया ये कहना भी गलत है की कोई किसी का धर्मपरिवर्तन कराता है जो भी करता है अपनी मर्जी से चाहे कोई किसी धर्म से हो किसी धर्म को अपना रहा हो |