बर्मिंघम में आयोजित Commonwealth Games 2022 में भारत के खिलाड़ियों ने गोल्ड, सिल्वर और ब्रोंज मिलाकर कुल 61 मेडल्स जीते हैं।
भारत की 26 साल की मुक्केबाज़ निखत ज़रीन ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में फ्लायवेट कैटेगरी की 50 किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए गोल्ड जीता। ज़रीन ने फाइनल में नॉर्थर्न आयरलैंड की कार्ली मैकनॉल को 50 किलोग्राम वर्ग में हराया। बता दें, तेलंगना की निखत ज़रीन भारत की ऐसी पांचवीं महिला मुक्केबाज़ हैं जिसने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। अब देश को दो साल बाद होने वाले पेरिस 2024 ओलिंपिक में उनसे गोल्ड की उम्मीद लगाई जा रही है।
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ज़रीन के लिए ये मेडल क्यों रहा ख़ास?
निखत ज़रीन ने इसी साल मई में तुर्की के इस्तांबुल में हुई विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप की फ्लाईवेट (52 किलाग्राम) प्रतियोगिता में गोल्ड जीता था। वहीं
कॉमनवेल्थ गेम्स में 52 किलोग्राम की बजाय 50 किलोग्राम का वर्ग होता है। यही चीज़ पैरिस 2024 ओलंपिक्स में भी है। मानसिक रूप से ज़रीन के सामने यह बहुत मुश्किल चुनौती थी कि उन्हें गेम के लिए अपना वज़न बढ़ाना है या घटाना।
निखत ने अपना 2 किलोग्राम वज़न कम करना तय किया जो की बर्मिंगम गेम्स में उनके लिए अच्छा भी साबित हुआ। उन्होंने कहा कि वह इसी वर्ग में आगे बढ़ेंगी और पैरिस 2024 ओलंपिक्स के लिए अपनी तैयारी करेंगी।
निखत ज़रीन का जन्म व शिक्षा
निखत का जन्म 14 जून 1996 को आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) के निजामाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम मुहम्मद जमील अहमद और माता का नाम परवीन सुल्ताना है। निखत को बचपन से ही खेलों में रुचि थी। उन्होंने निजामाबाद के ही निर्मल हृदय गर्ल्स हाई स्कूल से अपनी शुरूआती शिक्षा ली। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद के एवी कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री हासिल की।
पिता ने एथलेटिक्स तो चाचा ने कबड्डी से कराया परिचित
निखत के पिता मोहम्मद जमील खुद फुटबॉल और क्रिकेट खेलते थे। वह चाहते थे कि उनकी चार बेटियों में से कोई एक खिलाड़ी बनें। उन्होंने अपनी तीसरी नंबर की बेटी निखत के लिए एथलेटिक्स चुना। बहुत की कम उम्र में स्टेट चैम्पियन बनकर निखत ने अपने पिता के फैसले को सही साबित कर दिया।
निखत के चाचा शम्सुद्दीन ने उसे बॉक्सिंग में उतरने की सलाह दी। चाचा शम्सुद्दीन के दोनों बेटे एतेशामुद्दीन और इतिशामुद्दनी मुक्केबाज़ थें। साल 2009 में निखत के पिता ने उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), विशाखापत्तनम को आई. वी. राव द्वारा प्रशिक्षित होने के लिए भेजा, जो द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता भी थे। वर्ष 2010 में, उन्हें इरोड नेशनल्स द्वारा ‘गोल्डन बेस्ट बॉक्सर’ से सम्मानित किया गया था।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, निखत ज़रीन ने सिर्फ 14 साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ बॉक्सिंग चैंपियन का खिताब जीता था।
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ज़रीन को समाज का करना पड़ा सामना
निखत ज़रीन के लिए अपनी मुस्लिम पहचान के साथ समाज और रिश्तेदारों की बंदिशों को तोड़कर आगे निकलना आसान नहीं था। लेकिन पिता ने ज़रीन को खेल के क्षेत्र में कदम रखने को कहा और एक खिलाड़ी के तौर पर ज़रीन को मेहनत करते रहने का हौसला दिया। निखत के इस और कई जीतों के पीछे उसके परिवार की हिम्मत छिपी हुई है। मुस्लिम होने की वजह से निखत व उसके परिवार को समाज की अलोचनाओं का सामना करना पड़ा। प्रक्टिस मैच के दौरान जब वह छोटे कपड़े पहनती तब भी ज़रीन को रूढ़िवादी सोच से लड़ना पड़ता। हर बाउट से पहले मानों शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना नियम बन गया था।
निखत ज़रीन द्वारा जीते हुए मेडल
– नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में नेशनल सब जूनियर मीट में निखत ने अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
– इंडियाटाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2011 में निखत ने यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपना पहला मेडल जीता था। इसी साल निखत ने तुर्की में आयोजित फ्लाईवेट वर्ग में एआईबीए महिला जूनियर में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
– 2014 में उन्होंने यूथ बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप, बुल्गारिया में रजत पदक जीता।
– साल 2014 में ही उन्होंने तीसरे राष्ट्र कप में 51 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जो एक अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप थी जिसे सर्बिया के नोवी सैड में आयोजित किया गया था।
– 2015 में, उन्होंने 16वीं सीनियर वुमन नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, जो असम में आयोजित की गई थी।
– 2016 में फ़्लाइवेट कैटगिरी में वे पहली बार सीनियर नेशनल चैंपियन बनी।
– सीनियर स्तर पर ही 2018 में उन्होंने ब्रॉन्ज़ जीता।
– 2019 में एशियन चैंपियनशिप बैंकाक में ब्रोंज पदक।
– 2022 में बुल्गारिया में हुए स्ट्रैंडजा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल।
– 2022 में इस्तांबुल में हुए वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल।
Commonwealth Games 2022 में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा जीते गए 22 गोल्ड मेडल
1. मीराबाई चानू – 49 किग्रा वेटलिफ्टिंग
2. जेरेमी लालरिनुंगा – पुरुष 67 किग्रा वेटलिफ्टिंग
3. अचिंता शुली – पुरुष 73 किग्रा वेटलिफ्टिंग
4. भारतीय महिला टीम – महिला चौका लॉन बॉल्स
5. भारतीय पुरुष टीम – पुरुष टीम टेबल टेनिस
6. सुधीर – मेन्स हैवीवेट पैरा पावरलिफ्टिंग
7. बजरंग पुनिया – पुरुष 65 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती
8. साक्षी मलिक – महिला 62 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती
9. दीपक पुनिया – पुरुष 86 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती
10. रवि कुमार दहिया – पुरुष 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती
11. विनेश फोगट – महिला 53 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती
12. नवीन – पुरुषों की 74 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती
13. भावना पटेल – महिला एकल वर्ग 3-5 पैरा टेबल टेनिस
14. नीतू घंगास – महिला 48 किग्रा बॉक्सिंग
15. अमित पंघाल – मेन्स 51 किग्रा फ्लाईवेट बॉक्सिंग
16. एल्धोस पॉल – मेन्स ट्रिपल जंप एथलेटिक्स
17. निकहत जरीन – महिला 50 किग्रा लाइट फ्लाईवेट बॉक्सिंग
18. शरत कमल/श्रीजा अकुला – मिक्स्ड डबल्स टेबल टेनिस
19. पीवी सिंधु – महिला एकल बैडमिंटन
20. लक्ष्य सेन – पुरुष एकल बैडमिंटन
21. सात्विक साई राज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी – मेन्स डबल बैडमिंटन
22. शरत कमल – पुरुष एकल टेबल टेनिस
Commonwealth Games 2022 में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा जीते गए 16 सिल्वर मेडल
संकेत सरगर, बिंदियारानी देवी, सुशीला देवी, विकास ठाकुर, भारतीय बैडमिंटन टीम, तूलिका मान, मुरली श्रीशंकर, अंशु मलिक, प्रियंका, अविनाश साबले, पुरुष लॉन बॉल टीम, अब्दुल्ला अबोबैकर, शरथ-साथियान, महिला क्रिकेट टीम, सागर, पुरुष हॉकी टीम।
Commonwealth Games 2022 में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा जीते गए 16 ब्रोंज मेडल
गुरुराजा, विजय कुमार यादव, हरजिंदर कौर, लवप्रीत सिंह, सौरव घोषाल, गुरदीप सिंह, तेजस्विन शंकर, दिव्या काकरन, मोहित ग्रेवाल, जैस्मिन, पूजा गहलोत, पूजा सिहाग, मोहम्मद हुसामुद्दीन, दीपक नेहरा, रोहित टोकस, सोनलबेन, महिला हॉकी टीम, संदीप कुमार, अन्नू रानी, सौरव-दीपिका, किदांबी श्रीकांत, त्रिषा-गायत्री, साथियान।
इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स में सभी भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहद ही बेहतरीन रहा। भारत ने इस कॉमनवेल्थ गेम्स में कुल 61 मेडल्स जीतें वहीं ऑस्ट्रेलिया 178 मेडल्स के साथ सबसे शीर्ष पर रहा। वहीं भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स में प्रदर्शित कर रहे हर एक खिलाड़ी ने कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे बड़े मंच तक लंबी लड़ाई लड़ी है जो अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक है।