पीएम सुरक्षा चूक मामले में कांग्रेस और बीजेपी सरकार एक-दूसरे पर आरोप लगा रही है। साथ ही मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया गया है जो तीन दिनों में मामले की रिपोर्ट पेश करेगी।
5 जनवरी 2022 को जब प्रधानमंत्री पंजाब के फिरोजपुर में कई विकास परियोजनाओं की नींव रखने के लिए जा रहे थे। मौसम खराब होने की वजह से पीएम ने हेलीकॉप्टर की जगह सड़क मार्ग का रास्ता चुना। लेकिन सड़क पर प्रदर्शनकारियों के विरोध करने की वजह से प्रधानमंत्री को वापस लौटना पड़ा। जिसके बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा और पंजाब के सीएम पर कई सवाल खड़े किये गए। पूछा गया कि आखिर प्रदर्शनकारियों को कैसे पता चला कि पीएम उस रास्ते से जाने वाले हैं ? क्या सीएम, देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा का प्रबंध भी नहीं कर सकतें? इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीति भी काफ़ी गर्मा गयी।
कई लोग कांग्रेस का साथ देते दिखे तो कई बीजेपी का। बहुत लोगों ने इस पूरे मामले को वोट बटोरने का आइडिया बताया तो बहुत से लोगों ने कुर्सी खाली करने की बात कही।
ये भी देखें : वाराणसी: प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए जोरों-शोर से शुरू हुई तैयारी
किसानों का कोई दोष नहीं – बीकेयू मंडल अध्यक्ष, बाँदा
इतनी ही नहीं, इन सब चीज़ों में किसानों पर भी आरोप लगाया गया कि किसान यूनियन इस पूरे मामले शामिल हैं। खबर लहरिया ने किसानों पर लगते आरोप को लेकर बाँदा जिले के भारतीय किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष बैजनाथ अवस्थी से बात की। उन्होंने कहा कि पंजाब के फिरोजपुर फ्लाईओवर पर जो भी प्रदर्शनकारी थे, उसमें किसान शामिल नहीं थे क्यूंकि उन्हें पता ही नहीं था कि प्रधानमंत्री उस रास्ते से आ रहे हैं। किसानों का इसमें कोई हाथ नहीं है। यह पंजाब सरकार को बदनाम करने के लिए प्रोपोगेंडा बनाया गया है। अगर कोई चूक हुई भी है तो उसकी जांच की जानी चाहिए। वहीं प्रधानमंत्री की सुरक्षा का कार्य गृह मंत्रालय के अधीन होता है। प्रदेश सरकार की पुलिस तो सिर्फ गृह मंत्रालय के निर्देश का पालन करती है।
वह कहते हैं कि अगर एक बार के लिए यह मान लिया जाए कि उस स्थान पर किसान थे तो पीएम को एक बार उनसे बात कर लेनी चाहिए थी। किसान कभी भी प्रधानमंत्री को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। वह आगे बताते हैं कि किसान मोर्चा ने प्रेस नोट ज़ारी करके यह बताया कि उनका प्रधानमंत्री से कोई लेना-देना नहीं था।
किसान नेता राकेश टिकैत का बयान
किसान नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला प्रधानमंत्री द्वारा किया गया राजनैतिक स्टंट है। इस तरह का स्टंट करके जनता से सहानुभूति बटोरने का सस्ता जरिया ढूंढने की कोशिश की गई है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में जो बीजेपी के लोग हैं वे यह कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई है लेकिन पंजाब में जो कांग्रेस की सरकार है वह यह कह रही है कि पंजाब में जो प्रधानमंत्री की सभा थी वहां भीड़ नहीं थी इसलिए जान बूझकर बीजेपी द्वारा यह स्टंट किया गया है। वहीं एक तीसरा पक्ष किसानों का भी है जिनका वहां पहले से ही कुछ जगह प्रस्तावित प्रदर्शन था लेकिन उनका रास्ता रोकने का कोई प्रोग्राम नहीं था। इसका मतलब यह हुआ कि किसी ने बताया होगा कि प्रधानमंत्री किस रूट से आ रहे हैं तो लोग रास्ते पर आकर बैठे होंगे।
मामले की जांच के लिए गठित हुई समिति
मामले की गंभीरता को देखते हुए, टाइम्स ऑफ़ इण्डिया की प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वीरवार, 6 जनवरी को कैबिनेट सचिवालय के सचिव (सुरक्षा) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया। यह समिति, उस मामले की जांच करेगी जिसकी वजह से बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब के फिरोजपुर के एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसा रहना पड़ा, जिसे सचिवालय ने “गंभीर गलती” के रूप में उजागर किया।
ये भी देखें : चित्रकूट: पीएम मोदी की मन की बात में जुड़ीं महिला की बेटियों को नहीं मिला पढ़ाई का खर्च
कांग्रेस ने भी की जाँच अध्यक्ष की स्थापना
वहीं कांग्रेस की सत्ता वाली पंजाब सरकार ने कथित तौर पर सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन के मामले में उच्च न्यायालय के एक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक अलग जांच की स्थापना की। जो यह जाँच करेगी कि प्रधानमंत्री अपनी निर्धारित भाजपा रैली में क्यों भाग नहीं ले सके।
गठित समिति में यह लोग हैं शामिल
कैबिनेट सचिवालय के अधिकारी सुधीर कुमार सक्सेना के नेतृत्व वाली समिति में इंटेलिजेंस ब्यूरो के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और एसपीजी (विशेष सुरक्षा दल) के महानिरीक्षक एस सुरेश शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
तीन दिन के अंदर सौंपी जाए रिपोर्ट
पंजाब सरकार ने न्यायमूर्ति मेहताब सिंह गिल (रिटायर्ड) की अगुवाई वाली जांच समिति से तीन दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। गृह एवं न्याय विभाग के प्रधान सचिव अनुराग वर्मा भी इसमें शामिल हैं।
केंद्रीय सरकार ने अधिकारीयों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो फ़िरोज़पुर फ्लाईओवर पर हुआ, “वह पंजाब पुलिस और कथित प्रदर्शनकारियों की मिलीभगत का एक चौका देने वाला दृश्य है। प्रधानमंत्री के जाने के रास्ते के बारे में सिर्फ राज्य पुलिस को ही पता था। यह घटना बीते वर्षों में प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली सबसे बड़ी चूक है।
पीएम को “घटिया नौटंकी’ शोभा नहीं देती – पंजाब सीएम ने कहा
गृह मंत्रालय के अनुसार जांच स्थापित करने के तुरंत बाद ही सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कोई ढिलाई नहीं बरती गई। पीएम मोदी ने अपनी इस टिप्पणी “मैं जिंदा वापस जा रहा हूं” के साथ पंजाब को बदनाम करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश के एक सम्मानित नेता हैं लेकिन कद के हिसाब से उन्हें यह ‘घटिया नौटंकी’ शोभा नहीं देती। आगे कहा कि पीएम की जान को कोई खतरा नहीं है।
लुधियाना के मच्छीवाड़ा में एक कार्यक्रम में सीएम चन्नी ने गुरुवार को कहा कि अगर अधिकारियों को पीएम मोदी की सुरक्षा का खतरा महसूस हुआ था तो पीएम के करीबी खुफिया अधिकारी क्या कर रहे थे?
सोनिया गांधी ने सुरक्षा चूक मामले में पंजाब के सीएम से की बात
बता दें कि पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले के 24 घंटे बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से बात की। उन्होंने कहा कि मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। सोनिया गांधी ने कहा कि इस चूक में जो भी दोषी हों उन पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा पीएम के इस दौरे को लेकर सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त किए जाने चाहिए थे।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने किया सोनिया गाँधी पर पलटवार
सोनिया गांधी के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि,’देर से जागी ये राजनीतिक आत्मा देश का आक्रोश देख रही थी। जनता की प्रार्थना, जनता की चिंता को देखकर सोनिया गांधी का ये कथन सामने आया है। उन्होंने कहा कि कम से कम सोनिया जी ने इस बात को स्वीकारा की दोषी कांग्रेस की प्रदेश सरकार और प्रशासन है। कहीं ऐसा तो नहीं मोहरे को इस प्रकार का आदेश देकर परिवार ने अपना पल्ला झाड़ लिया है।’
अब यह सोची समझी साज़िश थी या कुछ और, हर कोई तुक लगाकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करता हुआ नज़र आ रहा है लेकिन इस बीच इस बात से भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता कि पीएम द्वारा जाने वाले निश्चित जगह की सूचना बाहर निकली है और पीएम की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हुआ है। देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा किसी भी राजनीति से बड़ी है। अब असल बात क्या है यह तो समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
ये भी देखें : प्रधानमंत्री मोदी का महोबा दौरा, न खुश दिखी जनता
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)