पुराने ज़माने में हम अमूमन गांव में देखते थे कि घरों में लोग दीवाली के त्योहार पर घरौंदा बनाकर उसे दीये से सजाते थें और अपना घर रौशनी से भरते थे। आज यह परम्परा सिर्फ कुछ ही घरों तक सीमित रह गई है।
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