खबर लहरिया ग्रामीण स्वास्थ्य चित्रकूट: बाढ़ के बाद हुई गंदगी से बिगड़ रहा ग्रामीणों का स्वास्थ्य

चित्रकूट: बाढ़ के बाद हुई गंदगी से बिगड़ रहा ग्रामीणों का स्वास्थ्य

कुछ हफ़्तों पहले बुंदेलखंड के कई क्षेत्रों में आई बाढ़ ने आसपास के ग्रामीणों के जीवन को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था। इस बाढ़ की चपेट में लोगों के घर-मकान, निजी सामान तो आए ही, बल्कि किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ। और अब बाढ़ के पानी से हुई गंदगी के कारण चित्रकूट में ग्रामीण सफाई न होने और गंदगी के कारण बीमार पड़ रहे हैं।

चित्रकूट के मऊ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला ताड़ी गाँव भी बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हुआ था। और यहाँ बाढ़ का प्रकोप अबतक ख़तम नहीं हुआ है। वैसे तो बाढ़ का पानी पूरी तरह से गाँव से निकल चुका है, लेकिन यह बाढ़ का पानी पीछे छोड़कर गया है काफी सारी गंदगी और कचरा। चारों तरफ फैली इस गंदगी और कचरे के कारण अब ग्रामीण बीमार भी पड़ रहे हैं। लोगों ने हमें बताया कि गाँव में आजकल डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया जैसी बीमारियां फैली हुई हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से सफाई कराने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

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ग्रामीणों का कहना है कि बच्चे से लेकर बड़े तक बुखार में पड़े हुए हैं और इन गरीब परिवारों के पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि ये लोग शहर जाकर अपना इलाज करवा सकें। ये लोग चाहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ कदम उठाए जाएँ और गाँव की सफाई कराई जाए। ताकि चरों ओर फैली इस गंदगी से इन्हें छुटकारा मिले और इनके स्वास्थ्य भी ठीक रहें।

मऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक शेखर वैश्य ने हमें बताया कि मऊ ब्लॉक के अंतर्गत भी जो गाँव बाढ़ की चपेट में आए थे वहां आशा, ए एन एम और डॉक्टरों की टीम समय-समय पर जाकर जांच करते हैं और लोगों का उपचार कर रहे हैं।

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