शादी का झांसा देकर पहले शारीरिक संबंध बनाया फिर महिला के सारे ज़ेवरों को बेचकर अपनी इच्छाओं की पूर्ती करी और फिर महिला को छोड़ दिया।
शादी का झांसा देकर यौन संबंध बनाना फिर जब मतलब निकल जाए तो महिला को छोड़ देना, आम दिन के किस्से की तरह बन गए हैं। इन अपराधों को लेकर सरकार अवगत तो है पर कार्यशील नहीं। इन मामलों को लेकर भारतीय दंड सहिता में सज़ा भी दर्ज़ की गयी है इसके बावजूद भी इन मामलो में कोई कटौती देखने को नहीं मिली है। वहीं इन मामलों में कई बार पुलिस की लापरवाही भी देखने को मिल जाती है।
चित्रकूट जिले के कर्वी ब्लॉक के अंतर्गत कांशीराम कॉलोनी में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है। कर्वी कोतवाली के अंतर्गत रहने वाली महिला लालमति से पहले निराले नाम का व्यक्ति शादी और प्यार की बात करके शारीरिक संबंध बनाता है। महिला के ज़ेवरों को बेच अपनी लालसाओं की पूर्ती करता है। जब महिला के पास उसकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कुछ नहीं बचता तो वह उसे छोड़ देता है।
मामला थाने तक भी पहुँचता है लेकिन पुलिस द्वारा घटना को अपराध की गंभीरता से न लेते हुए बस आरोपी पर चलान करके छोड़ दिया जाता है।
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यह है पूरा मामला
साल 2018 में लालमति के पास गलत नंबर से किसी का कॉल आता है। वह कॉल निराले का होता है। उस समय वह 9वीं कक्षा में पढ़ रही होती है। धीरे-धीरे दोनों के बीच ज़्यादा बातें होने लगती है और लालमति को निराले से प्यार हो जाता है। निराले ने भी लालमति से कहा कि वह उससे प्यार करता है और उससे शादी करना चाहता है।
कुछ समय बाद लालमति के घर वालों ने उसकी शादी तय कर दी। यह बात उसने निराले को बताई। उस समय उसने लालमति से कह दिया वह उससे शादी नहीं कर सकता। उनकी बातचीत बंद हो गयी और साल 2019 में लालमति की शादी हो गयी।
शादी के कुछ समय बाद निराले का फिर से उसके पास कॉल आने लगा। निराले, लालमति से कहता कि वह उसके पास आ जाए। वह उससे शादी करेगा। तब तक लालमति की एक बेटी हो चुकी थी। बेटी को लेकर निराले का कहना था कि वह लालमति के साथ उसकी बेटी का भी ध्यान रखेगा।
साल 2020 में लालमति ने जब निराले के साथ जाने का फैसला लिया तो ससुराल और परिवार ने लालमति से सारे रिश्ते तोड़ दिए। घर छोड़ने से पहले निराले ने लालमति को उसके साथ उसके सारे ज़ेवर लाने को भी कहा। वह अपने साथ दो सोने की अंगूठी, कान की बाली, सोने की चेन, मंगलसूत्र, चाँदी की बिछिया व पायल और 20 हज़ार रूपये नगद लेकर निराले के पास गयी।
निराले जब उसके ज़ेवर उसकी माँ के पास रखने लगा तो लालमति ने उसे ऐसा करने पर मना किया। इस बात से गुस्सा होकर निराले की माँ ने लालमति को घर से बाहर निकाल दिया। इसके बाद वह उसे कांशीराम कॉलोनी ले आया। कुछ दिनों तक उसने उसे सही से रखा।
उसके बाद धीरे-धीरे वह उसके ज़ेवर बेचने लगा। उसके साथ ज़बरदस्ती शारीरिक संबंध बनाता। उसके साथ मारपीट करता। ज़ेवरों को बेचकर उसने स्कूटी खरीद ली। अब वह लालमति को न तो कुछ खाने को देता और न ही घर आता। लालमति को अपने और अपनी बेटी के लिए अब सब कुछ खुद ही करना था। निराले और लालमति की कभी शादी नहीं हुई। वह बस साथ रहते थे।
लालमति को अकेला देखकर उसके घर के सामने लोग इकठ्ठा हो जाते। पुरुषों द्वारा उसके तरफ गलत इशारे किये जाते। इस वजह से उसका बेटी के साथ बाहर निकलना मुश्किल हो गया।
निराले के मामा ने लालमति को 50 हज़ार रूपये देते हुए उसे सब कुछ छोड़ कर जाने को भी कहा।
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आपराधिक मामले में सिर्फ चलान काटकर आरोपी हुआ बरी
साथी संस्था की कलावती नाम की महिला ने लालमति की एप्लीकेशन लिखने में मदद की। थाने में शिकायत पत्र जमा कराने के बाद उसे 12 जून को कोतवाली बुलाया गया। कर्वी कोतवाली, हल्का लुढवारा के एस.आई शैलेन्द्र पांडेय से खबर लहरिया ने मामले के बारे में बात की। उनके अनुसार, निराले और लालमति दोनों के परिवारों को कोतवाली बुलाया गया और साथ रहने की समझाइश दी गयी।
एस.आई के अनुसार निराले का परिवार लालमति को रखने के लिए तैयार नहीं था। पुलिस द्वारा निराले पर 151 ( शांति भंग) की धारा लगाते हुए चलान काटा गया। इसके बाद महिला वापस कांशीराम कॉलोनी लौट गयी।
जानकारी के अनुसार, पुलिस से बातचीत के बाद ही निराले की ज़मानत हो गयी और वह अपने घर चला गया। वहीं ज़मानत के बारे में लालमति को कुछ नहीं पता।
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धारा 417 व 376 के तहत आता है मामला
पूरे मामले में निराले द्वारा महिला के साथ धोखाधड़ी की जाती है। आईपीसी की धारा 417 के अनुसार, अगर कोई भी व्यक्ति छल करता है तो उसे एक साल के लिए कैद जिसे एक साल से ज़्यादा भी बढ़ाया जा सकता है आदि की सज़ा दी जाती है।
वहीं आईपीसी की धारा 376 के तहत अगर किसी महिला के साथ ज़बरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया जाता है तो उसे बलात्कार की श्रेणी में रखा जाता है। इस धारा के तहत व्यक्ति कानून की नज़र में दोषी है और उस पर कार्यवाही का भी प्रावधान है।
लेकिन इस मामले में इन धाराओं को लगाने की बजाय पुलिस द्वारा सिर्फ 151 की धारा (अशांति फैलाना) लगाई गयी। ऐसे में कानून प्रणाली और महिलाओं के लिए बने नियमों पर सवाल खड़ा आता है। जब पुलिस द्वारा ही आरोपी पर ऐसी धाराएं लगाई जा रही हैं तो फिर पुलिस द्वारा न्याय की बात करने का क्या मतलब? जब मुख्य मुद्दा 151 की धारा में ही न आता हो।
इस खबर की रिपोर्टिंग नाज़नी रिज़वी द्वारा की गयी है।
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