चित्रकूट जिले के मज़दूरों का आरोप है कि रोज़गार का आश्वासन देकर गांव के ठेकेदार द्वारा उन्हें कर्नाटक ले जाया गया व वहां राजेश नाम के ठेकेदार को बेच दिया । ठेकेदार को बेचे जाने के बाद सभी मज़दूर बंधुआ मज़दूर बन गए। बता दें, ये सभी मज़दूर जिले के मानिकपुर ब्लॉक के कोलनबसती गांव के रहने वाले हैं। वहीं आरोपी ठेकेदार कर्वी का रहने वाला है।
जब 6 बंधुआ मज़दूर ठेकेदार की गिरफ्त से किसी तरह भाग निकले तो उन्होंने इसकी जानकारी प्रधान और एसडीएम को दी। मानिकपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज़ कराई। इसके बाद प्रशासन की मदद से 14 दिसम्बर को 24 बंधुआ मज़दूरों को छुड़ाकर वापस लाया गया।
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वापस लौटकर आये मज़दूरों ने खबर लहरिया को बताया कि ठेकेदार द्वारा उन्हें बेचे जाने के बाद उन्हें वहां से आने नहीं दिया जा रहा था। आरोप है कि वहां उनके साथ उत्पीड़न किया जाता था। उन्हें मारा-पीटा जाता था। वह अब अपने परिवारों के पास लौटकर बहुत खुश हैं।
मामले को लेकर उपजिलाधिकारी प्रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि 24 मज़दूर कुछ दिन पहले ठेकेदार के साथ महाराष्ट्र गए थे। उसके बाद उन्हें सूचना मिली कि सभी मज़दूर लक्ष्मी सागर गांव में मौजूद है। जिसके बाद वे वहां पहुंचे और सभी मज़दूरों को ठेकेदार की गिरफ्त से छुड़ा दिया।
सरैया चौकी के निरीक्षक चंद्रवानी पांडेय से खबर लहरिया ने फोन पर बात की। उनका कहना था कि सभी मज़दूर अपनी इच्छा से गए थे। इस मामले की जांच की जा रही है। जो दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
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