जिला चित्रकूट के ब्लॉक मनिकापुर के गाँव भौंरी में आज भी कई ऐसी लड़कियां हैं जिन्होंने 8वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी है। इन लड़कियों का कहना है कि इनके घरों की आर्थिक स्थिति इतनी बेहतर नहीं है जो ये अब पढ़ाई पूरी कर सकें। गाँव की ये लड़कियां अपना ज़्यादातर समय घर के काम या फिर परिवार के साथ खेतों में बिताती हैं। ये लोग आगे पढ़ना तो चाहती हैं पर कोई सुविधा न होने के चलते ये लोग मजबूर हैं।
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कुछ घर ऐसे भी थे जहाँ लड़कों को तो पढ़ाया जा रहा था लेकिन लड़कियों की पढ़ाई छुड़वाई जा चुकी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, माध्यमिक शिक्षा स्तर पर लड़कियों की औसत ड्रॉपआउट दर 17.3% और प्राथमिक स्तर पर 4.74% है। घर से स्कूल की दूरी, महिला शिक्षकों की अनुपलब्धता, कम उम्र में शादी, और स्कूल में शौचालय की कमी कुछ मुख्या कारण हैं, जिनकी वजह से लड़कियों को स्कूल छोड़ना पड़ता है।
सरकार द्वारा चलाई जा रहीं अनेक योजनाओं के बाद भी आर्थिक परस्थितियों के कारण ये लड़कियां अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहीं हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि सरकार सिर्फ इन योजनाओं को कागज़ तक सीमित न रखे बल्कि इससे देश के भविष्य को सुधारने में मदद करे।
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