चित्रकूट जिला, ब्लॉक मऊ गांव खोहर व छिवलहा में सालों से बिजली का कनेक्शन तो है पर बिजली नहीं है।
सौभाग्य योजना की शुरुआत साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हुई। कहा, हर गाँव और शहर में बिजली सुनिश्चित कराई जायेगी। इस योजना का लाभार्थी गरीब परिवार होगा। अमूमन, योजनाएं गरीब परिवारों को देखते हुए ही बनाई जाती है और इसका फायदा उन्हें ही नहीं मिलता। अब रिकॉर्ड्स देखकर आप कहेंगे कि वह तो ऐसा नहीं कहते। कहेंगे भी कैसे जब उसमें गाँवों, कस्बों और पिछड़ी बस्तियों को शामिल ही नहीं किया गया या यूँ कहें कि नज़र अंदाज़ कर दिया गया।
चित्रकूट जिला, ब्लॉक मऊ गांव खोहर मजरा कॉलोनी पुरवा व गांव छिवलहा मजरा मंगल पुरवा, इन गाँवों में सौभाग्य योजना के तहत खंभे पर बिजली के तार लटका दिए गए हैं। मतलब दिखाने के लिए गाँव में बिजली का कनेक्शन करा दिया गया है पर दिक्कत यह है कि बस बिजली नहीं आती।
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खम्भे है पर बिजली नहीं
हमने गाँव खोहर मजरा कॉलोनी पुरवा व गांव छिवलहा मजरा मंगल पुरवा के ग्रामीणों से बात की।
हर गाँव में बिजली नहीं लगी पर इस पुरवा के लिए कोई ध्यान नहीं देता। इस गाँव में अभी-भी अँधेरा रहता है। जंगल इलाका है। बरसात में सांप-बिच्छू का डर बना रहता है। रात में क्या जलायें, इतने पैसे नहीं रहते की रोज़-रोज़ मोमबत्ती खरीदें। इस समय कोटा में मिट्टी का तेल भी नहीं मिलता – फूला देवी ने कहा।
गांव छिवलहा मजरा मंगल पुरवा में बिजली के खंभे व तारें लागे सालों बीत गए। मीटर भी लग गया पर बिजली चालू नहीं की गयी। चुनाव के समय बस वादें होते हैं और कुछ नहीं है। रामसुंदर कहते, बिजली विभाग को लिखित में शिकायत करें या मौखिक, कोई फ़र्क नहीं पड़ता।
बिजली नहीं है तो बच्चों की पढ़ाई में भी परेशानी आती है। पढ़ाई ऑनलाइन हो गयी है। फोन चार्ज करने के लिए बिजली चाहिए। कई बार आवाज़ भी उठाई गयी पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है।
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सर्वे के बाद पहुंचाई जायेगी बिजली – मऊ एसडीओ
मऊ बिजली विभाग के एसडीओ शिवम गुप्ता से खबर लहरिया ने बिजली की समस्या को लेकर बात की। एसडीओ ने कहा, मऊ बरगढ़ क्षेत्र में जो भी गाँव छूटे हैं वहां सर्वे करवाया जाएगा और बिजली पहुंचाई जायेगी। सर्वे हो जाएगा तो यह पता चल जाएगा कितने मजरे ऐसे हैं जहां बिजली नहीं है। अगर मंगल पुरवा में बिजली चालू नहीं है तो वह भी चालू करवाई जायेगी। आगे कहा, बहुत जगह ठेकेदार अपना काम पूरा नहीं करवाते।
अंत में कई सवाल सामने आकर खड़े हो जाते हैं। जैसे, पहले जब योजना के तहत खंभे लगाए गए थे तो उस समय बिजली क्यों नहीं दी गयी? क्यों यह सुनिश्चित नहीं किया गया कि लोगों को योजना का लाभ मिल भी पाया है या नहीं? जिन अधिकारियों ने इसकी ज़िम्मेदारी ली थी, उन पर कार्यवाही होगी या नहीं? सर्वे कब तक पूरा होगा और लोगों को कब तक बिजली मिलेगी?
इस खबर की रिपोर्टिंग सुनीता देवी द्वारा की गयी है।
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