छतरपुर जिले के जिला अस्पताल में बेड की काफ़ी कमी देखी गयी। अस्पताल में बेड की कमी होने की वजह से डिलीवरी के लिए आई महिलाओं को बेड नहीं मिलता। इसका परिणाम यह होता है कि महिलाओं के पास ज़मीन पर लेटने के आलावा और कोई रास्ता नहीं होता। ऐसे में नवजात बच्चों को निमोनिया हो जाता है।
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मरीज़ों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि बेड इतने ज़्यादा गंदे होते हैं कि वह लोग बैठना ही नहीं चाहते। पहले बेड खाली नहीं मिलता और फिर गंदगी और बदबू ने भी अलग से परेशानी बढ़ाई हुई है।
खबर लहरिया ने इस बारे में सीएमएचओ डॉ. लखन लाल तिवारी से बात की। उनका कहना था कि इन दिनों मौसमी बिमारियों की वजह से मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है। इसी वजह से बेड की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। आगे बताया कि राज्य सरकार ने 100 बेड का मैटरनिटी हॉस्पिटल स्वीकृत किया है। जल्द ही मैटरनिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और समस्या का भी निवारण हो जाएगा।
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