छतरपुर ज़िले के गाँव कटरा में करीब 10 किलोमीटर एक अंदर बना है एक प्राथमिक स्कूल। इस प्राथमिक स्कूल के बच्चों का आरोप है कि उनके स्कूल के मिड डे मील में खाना तो बनता है लेकिन छात्रों को भरपेट खाना नहीं दिया जाता। बच्चों की मानें तो उन्हें सिर्फ 2 रोटी दी जाती हैं, और अगर बच्चे दोबारा से रोटी मांगें तो उन्हें साफ़ मन कर दिया जाता है।
कई बच्चों ने यह भी बताया कि अगर खाना बच जाता है तो रसोइया या स्कूल के टीचर बाँध के अपने घर ले जाते हैं। बता दें कि इस विद्यालय में बच्चों की कुल संख्या 52 है और सरकार द्वारा चलायी जा रही मिड डे मील योजना के अंतर्गत सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को खाना देना अनिवार्य है। जब हमने बच्चों से बात करनी चाही तो कई बार स्कूल के अध्यापक ने बच्चों को डांट दिया।
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स्कूल के अध्यापक हलकाई पटेल की मानें तो बच्चों को समय पर खाना दिया जाता है और जितना मांगते हैं उतना ही दिया जाता है। उन्होंने बच्चों द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोपों को नकार दिया।
गाँव के प्रधान हन्नू बसोर के अनुसार भी बच्चों उपयुक्त खाना दिया जाता है और उनके संज्ञान में ऐसी कोई बात नहीं आई है। प्रधान का कहना है कि अब वो इस मामले में जांच करवाएंगे और उचित रूप से बच्चों को खाना दिलवाने का काम शुरू किया जाएगा।