खबर लहरिया Blog दिल्ली MCD चुनाव टालने के लिए केंद्र सरकार चुनाव आयोग पर डाल रहा दबाव – दिल्ली सीएम

दिल्ली MCD चुनाव टालने के लिए केंद्र सरकार चुनाव आयोग पर डाल रहा दबाव – दिल्ली सीएम

MCD को एक करना तो बहाना है, मकसद चुनाव टालने का है। भाजपा को लग रहा था कि अगर दिल्ली में अभी चुनाव होगा तो आम आदमी पार्टी की लहर है, भाजपा चुनाव हार जाएगी।

                                                      साभार – एनडीटीवी इंडिया

दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विनती करते हुए कहा कि वह MCD का चुनाव न टालें। सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ”
लोग कह रहे हैं कि MCD को एक करना तो बहाना है, मकसद चुनाव टालने का है। भाजपा को लग रहा था कि अगर दिल्ली में अभी चुनाव होगा तो आम आदमी पार्टी की लहर है, भाजपा चुनाव हार जाएगी: दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल” – एएनआई की रिपोर्ट

आगे कहा, “प्रधानमंत्री जी, सरकारें आती-जाती रहेंगी। कल आप भी नहीं होंगे, कल मैं नहीं होऊंगा। पार्टियां इम्पोर्टेन्ट (महत्वपूर्ण) नहीं है, लोग इम्पोर्टेन्ट नहीं है, हम इम्पोर्टेन्ट नहीं है, देश इम्पोर्टेन्ट है। अगर हम चुनाव आयोग को दबाव डालकर चुनाव कैंसिल (रद्द) कराते हैं तो इससे चुनाव आयोग कमज़ोर होता है और देश कमज़ोर होता है। मेरी प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर निवेदन है कि चुनाव रद्द मत कराइए।”

यह भी कहा कि अगर चुनाव रद्द हो गया तो यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। क्या जनतंत्र के अंदर ऐसे चुनाव टाले जा सकते हैं? यह बहुत बड़ा सवाल है।

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चुनाव टालने के लिए केंद्र ने लिखी थी चिट्ठी

दिल्ली के सीएम ने कहा, “9 तारीख को दिल्ली चुनाव आयोग ने एक प्रेस इनविटेशन भेजा कि आज शाम 5 बजे MCD चुनावों की तारीखों का ऐलान करेगा। केंद्र सरकार ने 4 बजे चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक नगर निगम बनाने जा रहे हैं। चुनाव की घोषणा न की जाए: दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल”

 

नगर निगमों को 8 सालों में क्यों नहीं किया एक – दिल्ली सीएम

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल कहते हैं, भारत के इतिहास में व 75 सालों कीआज़ादी के बाद में यह पहली बार हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने सीधे किसी राज्य के चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर चुनाव टालने को कहा है। लोगों में अलग-अलग बात चल रही है कि 7-8 साल से केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। अगर इन्हें तीनो MCD को एक साथ करना था तो 8 साल में इन्होंने क्यों नहीं किया।

केजरीवाल ने कहा, चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के एक घंटा पहले इनको अचानक याद आई की अब हमें तीनों MCD को इकठ्ठा करना है इसलिए चुनाव टाल दिए जाए।

बीजेपी को लग रहा था कि अगर दिल्ली में अब चुनाव होंगे तो आम आदमी पार्टी की ज़बरदस्त लहर है और बीजेपी उस लहर में बह जायेगी और बीजेपी चुनाव हार जाएगी इसलिए चुनाव टालने की मंशा से यह किया गया है। लोग यह भी कह रहे हैं कि चुनाव का तीनो नगर निगमों को एक करने से क्या संबंध है।

केजरीवाल के बयान पर केंद्रीय मंत्री का जवाब

नगर निगम चुनाव (MCD) को लेकर दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल के बयान पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी कहती हैं, “मैं केजरीवाल जी से पूछना चाहती हूं कि क्या नगर निगम के बिना कोई शहर जिंदा रह सकता है, जो नगर निगम को खत्म करने की, उनकी ताकत हटाने की प्रक्रिया उन्होंने शुरू कर रखी है। ”

आगे कहा, “2012 में जब ये चुनकर आए थे तो इन्होंने वादा किया था कि जब ये चुने जाएंगे तो ये लोकल बॉडी को बज़ट का 20% हिस्सा देंगे। लेकिन 7-8% हिस्सा जो नगर निगम को दिया जा रहा है उसमें भी ग़फ़लत की जा रही है।”

जिस लहर की यहां बात हो रही है, वह आप पार्टी की पंजाब में जीत से जुड़ी हुई है। 5 राज्यों में विधानसभा के चुनाव चल रहे थे जिसका परिणाम कल 10 मार्च 2022 को आया। यह देखा गया कि बीजेपी को 5 राज्यों की विधानसभा चुनावों में से 4 राज्यों में बहुमत से जीत मिली। वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी बहुमत से विजयी रही। चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार, पंजाब की 117 सीटों में आप पार्टी को 92 सीटें मिली वहीं बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें। कांग्रेस को भी पंजाब में 18 सीटें मिली। सिर्फ यही एक राज्य रहा जहां बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा।

ऐसे में अगर दिल्ली में अभी नगर निगम के चुनाव होते हैं तो यह हो सकता है कि आप पार्टी फिर से जीत जाए और भाजपा को दिल्ली में भी हार का सामना करना पड़े। वहीं अगर चुनाव टल जाते हैं तो यह भी हो सकता है कि बीजेपी नगर निगम चुनाव में अपनी जगह बना ले। वैसे तो दिल्ली के सीएम ने चुनाव आयोग से चुनाव न टालने की उम्मीद जतायी है पर अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं आया है।

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