खबर लहरिया Blog चित्रकूट में 7 साल की बच्ची से बलात्कार के आरोप का मामला

चित्रकूट में 7 साल की बच्ची से बलात्कार के आरोप का मामला

चित्रकूट के एक गाँव में गाँव के युवक द्वारा एक नाबलिग बच्ची से बलात्कार के आरोप की खबर सामने आयी है। आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है।

पुलिस की गिरफ़्त में आरोपी रोहित

जहां आज पूरा देश कोरोना जैसी बड़ी महामारी से लड़ने में व्यस्त हैं। वहीं महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न और बलात्कार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां तक की पिछले साल लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के साथ सबसे ज़्यादा बलात्कार और हिंसा के मामले में रिकॉर्ड किये गए थे। यह तो शहरी क्षेत्रों के आंकड़े थे, जिनकी रिपोर्ट सामने आयी थी। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आये दिन होने वाले बलात्कार के मामले न तो दर्ज़ होते हैं और न ही सामने आते हैं। ऐसा ही एक ताज़ा मामला यूपी के जिला चित्रकूट से सामने आया है।

अकेले पाकर किया बलात्कार

4 मई को जिला चित्रकूट के भरतकूप थाना क्षेत्र के एक गाँव में एक नाबालिग बच्ची के साथ हुए बलात्कार के आरोप की खबर सामने आयी है। बच्ची की उम्र सात साल है। लॉकडाउन लगा हुआ था। बच्ची दोपहर के समय बाहर खेल रही थी। आस-पास कोई नहीं था। गाँव का ही 20 साल का आरोपी रोहित उसे आम खिलाने के बहाने बगीचे में ले गया और उसके साथ बलात्कार कर उसे ज़ख़्मी हालत में वहीं छोड़कर भाग गया।

बच्ची के पिता ने बताया कि जब बहुत देर तक उन्हें अपनी बेटी दिखाई नहीं दी तो वह उसे ढूंढने निकल गए। ढूंढते-ढूंढते जब उन्होंने खेत की तरफ देखा तो उनकी बच्ची ज़ख़्मी और खून से लथपथ हालत में धीरे-धीरे चलते हुए आ रही थी। जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

आरोपी हुआ गिरफ़्तार

पूरी घटना जानने के बाद बच्ची के पिता ने भरतकूप थाने में मामले की रिपोर्ट लिखवाई। पिता ने पुलिस को दी हुई तहरीर में मामले के बारे में पूरी जानकारी दी। जिसमें यह भी बताया गया कि वह बच्ची को गंभीर हालत में ही थाना लेकर पहुंचे थे और रिपोर्ट लिखवाई थी। मामले को लेकर भरतकूप के थाना प्रभारी संजय उपाध्याय ने बताया कि आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है। आरोपी को एसएसआई कृष्णानंद शर्मा द्वारा उसके निवास स्थान से हिरासत में लिया गया है। आरोपी पर धारा 376, पोस्को एक्ट और 3(2)5 एससी/एसटी एक्ट लगाया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, यह एससी/एसटी एक्ट इसलिए लगाया क्यूंकि आरोपी और बच्ची दोनों से अनुसूचित जाति से संबंध रखते हैं।

हालाँकि, इस मामले में आरोपी को पुलिस द्वारा जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन यह ये दर्शाता है कि यूपी में महिलाओं की सुरक्षा का सवाल, अब भी बस एक सवाल बनकर ही रह गया है। अगर हम ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओं के साथ होती हिंसाओं का रिकॉर्ड भी ढूंढे तो वह हमें नहीं मिलेगा क्यूंकि ऐसा कोई रिकॉर्ड बनाया ही नहीं गया है। क्या यह सरकार और उसकी व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाता? आखिर कितनी बार सरकार ये कहेगी कि वह महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम कर रही है ? जबकि ज़मीनी सच्चाई हमें साफ़ तौर पर दिखाई दे रही है। आखिर समाज जो महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने की बात करता है। वह उसे सुरक्षा क्यों नहीं दे पा रहा है?

इस खबर को खबर लहरिया के लिए नाज़नी रिज़वी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।