खबर लहरिया जवानी दीवानी नए फैशन को पीछे छोड़कर प्रकृति की सेज में हुई शादी की रस्में

नए फैशन को पीछे छोड़कर प्रकृति की सेज में हुई शादी की रस्में

बुंदेलखंड में अब बदलते समय के हिसाब से बहुत बड़ा बदलाव आ गया है और लोग नए फैशन के साथ शादियां करने लगे हैं। लेकिन हाल ही में हम जिस शादी में गए वहां का माहौल काफी अलग था। हम खड़े हैं इस वक़्त नरैनी ब्लॉक के गोरेपुरवा गाँव में जहाँ हो रही वंदना की शादी में। वंदना की शादी में सारी रस्में पुराने रीति-रिवाज़ों के अनुसार हुई है। आप देखिये कि यहाँ पर आम के हरे पत्तों और जगमाती लाइट्स से मंडप और घर को सजाया गया है। और इसी खूबसूरत और हरे भरे मंडप के नीचे हो रहा है वंदना और जयप्रकाश का जयमाल।

जयमाल होने के बाद प्रकृति की सेज में ही दुल्हन को चढ़ावा चढ़ाया गया। जिसमें ससुराल वालों ने वंदना की गोद में नारियल डाला, बताशे डाले और हाँ पैसे भी डाले। बाकी शादियों की तरह इस शादी में लोग फोटो खींचने या डीजे बजाकर डांस करने में व्यस्त नहीं थे। बल्कि दुल्हन के घर की महिलाओं ने जमकर रातभर खुद ही गाने गाये और सभी का मनोरंजन किया। इस प्राकृतिक शादी में एक और अनोखी चीज़ देखने को मिली। जहाँ हमने देखा है कि शादियों में लोग प्लास्टिक और थर्मोकोल की प्लेट्स और बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे हमारे पर्यावरण को बहुत नुक्सान पहुँचता है। लेकिन इस शादी में प्रकृति की सुरक्षा करने के लिए इस्तेमाल किये गए थे छिवल के पत्ते। जी हैं सही सुना आपने। छिवल के पत्तों के दोने में सभी को खाना खिलाया गया और मुंह मीठा कराया गया।

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गोरेपुरवा के लोगों के साथ-साथ एमपी से आये बारातियों को भी ये नयी तरीके की रस्में बहुत भा रही थीं। हम आपको इस बुंदेली शादी की और रस्मों के बारे में भी बताएँगे लेकिन दूसरी वीडियो में इसलिए बने रहिये हमारे साथ और खबर लहरिया के चैनल पर जाकर बेल आइकॉन पर क्लिक कर लीजिये ताकि इस अनोखी शादी से जुड़ी बाकी वीडियोस की नोटिफिकेशन आपके पास सबसे पहले पहुंचे।

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