नीतीश कुमार आज आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 2 बजे शपथ ग्रहण करेंगे। वहीं तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम के तौर पर प्रतिज्ञा लेंगे।
बीजेपी से अपना गठबंधन ख़त्म करने के बाद नीतीश कुमार आज आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 2 बजे शपथ ग्रहण करेंगे। वहीं तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम के तौर पर प्रतिज्ञा लेंगे। राज्य के राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा। बता दें, मंगलवार, 9 अगस्त 2022 को नीतीश ने गवर्नर फागू चौहान को अपना इस्तीफ़ा सौंप बीजेपी से अपना गठबंधन खत्म कर दिया था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नीतीश कुमार ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर एक नए जेडीयू-आरजेडी ‘महागठबंधन’ सरकार की घोषणा की है। इस महागठबंधन में तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी दल शामिल हैं।
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पटना में लगे ‘नीतीश कुमार मुर्दाबाद’ के नारे
बिहार के पटना जिले में नीतीश कुमार द्वारा जेडीयू का भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के बाद, भाजपा के नेताओं द्वारा उनके विरोध में प्रदर्शन किया गया।
एएनआई की रिपोर्ट केअनुसार, नेताओं को ‘नीतीश कुमार मुर्दाबाद’ के नारे लगाते सुना गया।
#WATCH | Bharatiya Janata Party leaders in Patna raise slogans of 'Nitish Kumar murdabad' after he broke alliance with the party, and formed a 'Mahagathbandhan' for a new government#Bihar pic.twitter.com/TkhIpEjiXl
— ANI (@ANI) August 10, 2022
“यह शपथ बिहार के लोगों का है”- आरजेडी राजयसभा एमपी मनोज सिंह
आरजेडी राजयसभा एमपी मनोज सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, “सिर्फ सरकार शपथ नहीं लेगी बल्कि यह 2017-2020 के शासनादेश की ‘घर वापसी’ है। यह बहुत ज़रूरी है, खासकर उस युग में जहां भाजपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने का फैसला किया है – कि सिर्फ वही रहेंगे। #बिहार ने सन्देश दिया है। यह शपथ बिहार के लोगों का है।” –
It's not only a Govt that'll take oath, it's 'ghar wapasi' of 2017-2020 mandate. It's very important, especially in an era where BJP has decided to mangle democratic values – that only they would remain. #Bihar gave a message. It's an oath of people of Bihar: RJD RS MP Manoj Jha pic.twitter.com/2MUOi4dDqd
— ANI (@ANI) August 10, 2022
गवर्नर से मुलाक़ात के बाद पेश किया नए सरकार का आमंत्रण
राज्यपाल फागू चौहान के साथ अपनी दूसरी बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा, “सात पार्टियों का महागठबंधन और एक निर्दलीय एक साथ काम करेगा।” बता दें, राज्यपाल से की पहली मुलाक़ात में उन्होंने अपना सीएम पद से इस्तीफ़ा सौंपा था।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्तीफ़ा देने के एक घंटे से भी कम समय के बाद वह गवर्नर से फिर मिलें। इस बार उनके साथ तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेता भी थे। उनके द्वारा संयुक्त रूप से नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किए जाने का दावा पेश किया गया।
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बीजेपी पर आरजेडी को तोड़ना का आरोप
नीतीश कुमार ने नए गठबंधन के विधायक दलों के साथ बैठक की व इसमें उन्हें महागठबंधन के विधायक दल का नेता चुना गया। बता दें, जेडीयू के साथ हुई विधायक दल की बैठक में नीतीश ने बीजेपी द्वारा उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी की वजह से पार्टी में दरार आ रही है। आपको बता दें, साल 2017 तक आरजेडी के तेजस्वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव, नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री के रूप में कार्यरत थें।
बिहार में सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच बढ़ता तनाव अपनी चरम सीमा तक पहुंच गया था। नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि अमित साह लगातार जेडीयू को बांटने का काम कर रहें हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पार्टी के आरसीपी सिंह अमित सिंह के मोहरे के रूप काम कर रहें हैं।
जेडीयू द्वारा आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के एक हफ्ते बाद ही उन्होंने जेडीयू से इस्तीफ़ा दे दिया। साल 2017 में आरसीपी ने नीतीश कुमार के प्रतिनिधि के तौर पर जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल में जुड़े थे। बाद में नीतीश ने उनका राज्यसभा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जिसकी वजह से आरसीपी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफ़ा देना पड़ा था।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के आंकड़े
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में 243 सीटों में से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी को 77 सीटें मिलीं थीं। JDU के कम सीटें जीतने के बावजूद भी बीजेपी ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया था।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनता दल ने 79 सीटें और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि हम को 4 सीटें मिली थी। वहीं बहुमत का आंकड़ा 122 है।
नीतीश कुमार जब पहले सीएम बने थे तब भी उन्हें गठबंधन की सरकार में आना पड़ा था। अब बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ वह विपक्षी पार्टी के साथ गठबंधन कर दोबारा बिहार के सीएम के तौर पर शपथ ले रहें हैं। ऐसे में पूर्व पार्टी के नेताओं द्वारा उन्हें ‘आदतन धोकेबाज़’ की उपाधि दी जा रही है। खैर, ये राजनीतिक उठक-पटक एक तरफ पर इससे बिहार की राजनीतिक सत्ता पर क्या असर पड़ेगा, इसका समीकरण बैठा पाना मुश्किल प्रतीत होता है।
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