सिलेंडर हुआ महंगा तो महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाने पर हुई मजबूर। हमीरपुर जिले के सुरौली गांव के करीब 200 से 300 परिवार को भारत सरकार की उज्जवल योजना के तहत फ्री गैस चूल्हा मिला था। लेकिन गैस के बढ़ते हुए दाम ने गरीब परिवार की महिलाओ को फिर से चूल्हा फूकने पर मजबूर कर दिया। लोगों के पास इतनी महंगी गैस भराने के पैसे नही है, इसीलिए महिलाएं लकड़ी से चूल्हे पर खाना बनाने लगी है। अप्रैल के महीने से गैस का दाम 975 रुपए हो गया है लेकिन गांव के लोगो को 1025 रुपए में मिल रहा है।
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महिलाओं ने बताया है कि उन्होंने अपना गैस चूल्हा किसी ने भूसे में गाड़कर तो किसी ने बोरी में डालकर और किसी ने ग्रिस्ती के कमरे में ताला लगा कर एक तरफ रख दिया है कंडे तथा लकड़ी के माध्यम से चूल्हे पर खाना बनाने लगी है। साथ ही जिस परेशानी को दूर करने के लिए नरेंद्र मोदी ने उज्जवल योजना के तहत गरीब परिवार को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया था। वह समस्या अभी भी वैसी की वैसी बनी है। साथ ही गरीब के घर से एक बार फिर से धुवा निकलना शुरू हो गया है।
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अरविंद कुमार, मैनेजर, गैस एजेंसी कछार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 2014 में उन्होंने गैस एजेंसी खोला था। जब 2016 में उज्जवला योजना के तहत गरीब परिवार को गैस बांटी गई थी। उसके बाद से गैस के दाम कई बार बढ़े हैं, लेकिन महंगाई के बारे में वह कुछ कह नहीं सकते।
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