खबर लहरिया Blog Mahaparinirvan Diwas 2022 : डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस…..जानिए उनके कुछ प्रेरक सन्देश

Mahaparinirvan Diwas 2022 : डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस…..जानिए उनके कुछ प्रेरक सन्देश

भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की आज 66वीं पुण्यतिथि है। आज पूरे भारत देश में इनकी पूण्यतिथि पर लोग फूल और नमन अर्पित कर रहे हैं। हर साल भारत में 6 दिसंबर को डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की पुण्यतिथि मनाई जाती है, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस भी कहते हैं। डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने अपनी पूरी जिंदगी गरीब, दलित, पिछड़े वर्ग के उत्थान और जातिवाद को खत्म करने के लिए अर्पित की थी इसलिए उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है।

डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को एक महार दलित परिवार में हुआ था। उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। डॉ. आंबेडकर ने दलितों की स्थिति में सुधार लाने और उनके हक़ के लिए बहुत संघर्ष किया है छुआछूत को खत्म करने में उनकी बहुत बड़ी भूमिका थी।

बता दें, लखनऊ में ‘भारत रत्न’ बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रम का सम्बोधन करते हुए सीएम योगी ने कहा, ” जब भी दबे-कुचले और वंचित लोगों को अपने न्याय की लड़ाई के लिए आगे आना होगा, उस समय बाबासाहेब अंबेडकर उनके लिए प्रेरणा होंगे।

 

बाबा साहब की वजह से आया बदलाव- रन्नो

आज जगह-जगह बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। वाराणसी जिले की रन्नो ने कहा कि डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की वजह से काफी बदलाव आया है। पहले दलितों के साथ बहुत छुआछूत होती थी लेकिन अब बहुत बदलाव आ गया है और यह बदलाव ही है कि आज हम महिलाएं पुरुषों के बीच बैठकर बाबा साहब का गुणगान कर रहे हैं।

गुलाबचंद ने बताया कि वह अपनी पार्टी कोई ही वोट देते हैं क्योंकि अन्य पार्टियों की मानसिकता अभी भी गुलाम है, वह आजाद नहीं है। अगर हम दूसरी पार्टी को वोट देने जायेंगे तो उन्हें भरोसा नहीं होगा। वह यही कहते हैं कि यह चमार हमें क्या वोट देगा।

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लकड़ियों को मिला पढ़ने का आधिकार

शशि यादव कहती हैं कि आज वह यहाँ चुनाव की चर्चा के लिए नहीं बल्कि बाबा साहब को याद करने के लिए आई हैं। उन्होंने महिलाओं के लिए, पिछड़े वर्गों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पण किया है आज जो लड़कियां महिलाएं पढ़ रही हैं यह अधिकार बाबा साहब से मिला है।

डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को मिला भारत रत्न सम्मान

डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को भारत के संविधान का जनक कहा जाता है। वह स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे और उन्हें भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में माना जाता है। वह एक भारतीय अर्थशास्त्री, न्यायविद, समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने कई दलित बौद्ध आंदोलनों को प्रेरित किया और अछूतों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी। 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

बाबा साहब के कुछ प्रेरक सन्देश जिनसे मिलती है प्रेरणा

डॉ. अम्बेडकर देश के पहले कानून मंत्री थे। वह अपने अनुयायियों से कहा करते थे कि मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है, मेरे बताए हुए रास्‍ते पर चलें। आइये उनके कुछ प्रेरक संदेशो को पढ़ते हैं।

1 -किसी भी कौम का विकास उस कौम की महिलाओं के विकास से मापा जाता हैं।
2 -जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
3 -मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारा सीखाये।
4 -मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है, मेरे बताए हुए रास्‍ते पर चलें।
5 -रात-रातभर मैं इसलिये जागता हूँ क्‍योंकि मेरा समाज सो रहा है।
6 -जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती, वह कौम कभी भी इतिहास नहीं बना सकती।
7-अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो।
8-मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाइयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूँ।
9-मैं तो जीवन भर कार्य कर चुका हूँ अब इसके लिए नौजवान आगे आएं।

आज बाबा साहब की पूण्यतिथि पर लोग कुछ इस तरह से याद कर रहे हैं।

पीएम सहित कई लोगों ने दी बाबा साहेब को श्रद्धांजलि

बाबा साहब की पूण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीट करते हुए लिखते हैं, “महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी अनुकरणीय सेवा को याद करता हूं। उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी और भारत को इतना व्यापक संविधान देने के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ट्वीट करते हुए लिखते हैं,

“भारत के सर्वसमावेशी संविधान के शिल्पी, वंचितों, शोषितों व महिलाओं के उत्थान हेतु आजीवन संघर्षशील बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर सच्चे अर्थों में ‘भारत रत्न’ थे।

‘अंत्योदय’ को समर्पित उनका जीवन लोकतंत्र की पाठशाला है।

आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!”

 

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