खबर लहरिया क्राइम ललितपुर : कर्ज़ के दबाव में दी जान, सूदखोरों के खिलाफ कार्यवाही में हो रही देरी। जासूस या जर्नलिस्ट

ललितपुर : कर्ज़ के दबाव में दी जान, सूदखोरों के खिलाफ कार्यवाही में हो रही देरी। जासूस या जर्नलिस्ट

3 सितंबर 2022 को ललितपुर जिले के महरौनी में रहने वाले एक कोटेदार के सूदखोरों के दबाव में आ कर आत्महत्या करने का मामला सामने आया था। लेकिन दो महीने होने के बाद भी अभी इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है और पीड़ित परिवार को अपनी जान का खतरा नजर आ रहा है। फिलहाल इस मामले की एफ आई आर दर्ज हो चुकी‌ है लेकिन खुलासा कब तक होगा है और पीड़ित परिवार को न्याय कब मिलेगा इसका कोई पता नहीं है।

कवरेज के दौरान जासूसी में निकल कर आया कि मृतक एक संपन्न परिवार से था लेकिन उसे जुएं की बहुत लत थी और यह तो आप सभी जानते हैं कि जिसको जुए की लत हो वह कितना भी संपन्न परिवार से क्यों ना हो, लेकिन वो दिन दूर नहीं होता जब वह जमीन में आ गिरता है, ऐसा ही कुछ इस परिवार के साथ भी हुआ, जुए की लत के कारण मृतक ने अपने ही कस्बे के रहने वाले सूदखोरों से कर्ज लिया। जिसके चलते सूदखोरों द्वारा अपना पैसा वसूलने के लिए उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। बताया जा रहा है कि यही कारण था कि पीड़ित हो कर उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।

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मृतक के तीन बेटियां और दो छोटे छोटे बेटे हैं और अभी उसका परिवार सदमे से नहीं उबर पा रहा है। साथ ही सूदखोरों द्वारा उनके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है कि केस वापस ले लें। मृतक ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें सूदखोरों के नाम भी दिए गए हैं।

जासूसी में ये भी निकल कर आया कि जिन सूदखोरों से मृतक ने पैसे लिए थे उनका रिकॉर्ड पहले से ही क्रिमिनल का है। वो छेड़खानी के आरोप में जेल भी जा चुके हैं और भी कई लोगों को ब्याज का पैसा देने के बाद परेशान कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि महरौनी में ब्याज का पैसा देने वाले परिवार का एक गैंग है जो लोगों से पहले 10 से ₹15 सैकड़े की ब्याज में पैसा देते हैं और जब लोग उनका पैसा नहीं भर पाते तो उनके ऊपर बहुत ज्यादा दबाव बनाया जाता है।

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मृतक कि लड़की मोनिका वर्मा बताती हैं कि इस समय उनका परिवार बहुत ज़्यादा डरा हुआ है। वो लोग चाहते हैं कि पुलिस प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए भी कोई व्यवस्था करे और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करे। फिलहाल अभी तक पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है और जिन लोगों के ऊपर उन्होंने आरोप लगाए है, वह खुलेआम घूम रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं। पुलिस प्रशासन ने सुसाइड नोट की जांच रिपोर्ट के लिए 3 महीने में आने का समय लिया है अब तीन महीनों का इंतजार है। फ़िलहाल मामले की कार्यवाही महरौनी थाना एस ओ कुलदीप कुमार कर रहे हैं।

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