खबर लहरिया Blog Bharat vs India: क्या इंडिया का बदलेगा नाम? जानें क्या है नाम बदलने का यह पूरा विवाद

Bharat vs India: क्या इंडिया का बदलेगा नाम? जानें क्या है नाम बदलने का यह पूरा विवाद

“भारत” का उपयोग विदेशी प्रतिनिधियों के लिए बनाई गई G20 पुस्तिका में भी किया गया है जिसका शीर्षक है – “भारत, लोकतंत्र की जननी”। “भारत देश का आधिकारिक नाम है। इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी है।” – बुकलेट में कहा गया।

Bharat vs India, Will India's name change, Know what is this whole controversy

                                                                                       भारत बनाम इंडिया को पीएम मोदी के साथ दर्शाती हुई सांकेतिक फोटो ( फोटो साभार – इंडिया टुडे)

#IndiaVsBharat: सरकार इस महीने के आखिर में 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में देश का नाम “इंडिया से भारत” बदलने का प्रस्ताव रख सकती है। तथ्य यह है कि सरकार ने विशेष सत्र के लिए किसी भी एजेंडे की घोषणा नहीं की है – सूत्रों के अनुसार।

नाम बदलने का पूरा मामला तब सामने आया जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज के लिए मेहमानों को आधिकारिक निमंत्रण भेजा गया था जिसमें राष्ट्रपति का संबोधन “प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया” की जगह “प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत” द्वारा किया गया। इसके बाद ही देश में ‘इंडिया’ (INDIA) बनाम ‘भारत’ (BHARAT) को लेकर राजनीतिक व विचारधाराओं की लड़ाई शुरू हो गई। कोई बदलाव के नाम के पक्ष में दिखा तो कोई विरोध में। वैसे बीजेपी जब से अस्तित्व में आई है, वह जगहों से लेकर कई चीज़ों के नामों को बदलने में माहिर रही है।

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आमंत्रण पत्र जहां “प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया” की जगह “प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत” से राष्ट्रपति को सम्बोधित किया गया है व जिसके बाद पूरे नाम बदलने का विवाद शुरू हुआ

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विपक्ष ने नाम बदलने को लेकर की आलोचना

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते मंगलवार 4 सितंबर को विपक्षी दल इंडिया ने “प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत” के नाम पर सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की भरकर आलोचना की।

विपक्ष द्वारा काफी बवाल मचाने के बाद जब उन्हें लगा कि बात उन पर भी आ सकती है तो उन्होंने बात ही पलट दी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के “नाम बदलने के इस घिनौने खेल” को “रोकने” के लिए विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A का नाम बदलकर भारत भी रख सकती है।

आगे कहा, “हम निश्चित रूप से खुद को एलायंस फॉर बेटरमेंट, हार्मनी एंड रिस्पॉन्सिबल एडवांसमेंट फॉर टुमारो (भारत) कह सकते हैं। तब शायद सत्ताधारी पार्टी नाम बदलने का यह घिनौना खेल बंद कर सकती है।”

 

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क्या “भारत” नाम भी बदल देंगे? – केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक कांफ्रेंस में पूछा, “INDIA गठबंधन से ये लोग इतना बौखलाए हुए हैं कि देश का नाम तक बदल देंगे? अगर कल हमने अपने गठबंधन का नाम “भारत” रख लिया तो क्या “भारत” नाम भी बदल देंगे?”

 

“भारत” बनाम “इंडिया” विवाद अपडेट

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        इंडिया बनाम भारत को अलग-अलग दर्शाती सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार – X (पूर्व में ट्विटर)

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, “भारत” का उपयोग विदेशी प्रतिनिधियों के लिए बनाई गई G20 पुस्तिका में भी किया गया है जिसका शीर्षक है – “भारत, लोकतंत्र की जननी”। “भारत देश का आधिकारिक नाम है। इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी है।” – बुकलेट में कहा गया।

– बताया जा रहा है कि यह अंतरराष्ट्रीय मंच पर नामकरण में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है क्योंकि इस समय देश अमेरिकी के राष्ट्रपति जो बिडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और अन्य बड़े विश्व नेताओं की मेज़बानी के लिए तैयार है।

– भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कल रात प्रधानमंत्री की इंडोनेशिया यात्रा पर एक दस्तावेज़ भी साझा किया जिसमें उन्हें “भारत का प्रधान मंत्री” कहा गया था। 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन में भारतीय अधिकारियों के पहचान पत्र पर भी अब ‘भारत-आधिकारिक’ (Bharat – Official) लिखा होगा।

– विपक्षी इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने नाम बदलने के मामले में नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार पर “इतिहास को विकृत करने और भारत को विभाजित करने” का आरोप लगाया।

– राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि किसी को भी देश का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। एनसीपी प्रमुख ने कहा, ”मुझे समझ नहीं आता कि सत्तारूढ़ दल देश से संबंधित एक नाम (इंडिया ब्लॉक) को लेकर क्यों परेशान है।”

– वहीं, भाजपा नेताओं ने “भारत” नाम का स्वागत किया और विपक्ष पर राष्ट्र-विरोधी और संविधान-विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “भारत” शब्द संविधान के अनुच्छेद 1 में भी है, जो कहता है: “इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।”

‘भारत’ नाम को लेकर केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल करने का फैसला औपनिवेशिक मानसिकता के खिलाफ एक बड़ा बयान है। “यह पहले ही हो जाना चाहिए था। इससे मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है। ‘भारत’ हमारा परिचय है और हमें इस पर गर्व है। राष्ट्रपति ने ‘भारत’ को प्राथमिकता दी है।”

‘इंडिया’ बनाम ‘भारत’ विवाद कैसे हुआ शुरू?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विवाद भाजपा के वैचारिक संरक्षक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख के उस सुझाव के ठीक दो दिन बाद शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने देश को इंडिया छोड़कर भारत अपनाने का सुझाव दिया था। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “हमें इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद करना चाहिए और भारत का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए। आप दुनिया में जहां भी जाएं, भारत देश का नाम भारत ही रहेगा। मौखिक और लिखित में भारत ही कहना होगा।”

अतः,’इंडिया’ बनाम ‘भारत’ का विवाद कहां तक जाता है यह नहीं कहा जा सकता। यह देखना होगा कि संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में इसे लेकर क्या चर्चा की जाती है और क्या फैसला लिया जाता है।

 

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